UP News: 49 जिलों के नौनिहाल Mahakumbh में लगाएंगे आस्था की डुबकी, विद्या भारती के संस्कार केंद्रों ने बनाया प्लान
अब आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के नन्हें बच्चे व उनके स्वजन भी प्रयागराज में हो रहे भव्य आयोजन यानी कि महाकुंभ में शामिल हो सकेंगे। यह विद्या भारती की पहल से संभव हो सकेगा। इस श्रेणी के बच्चे विद्या भारती के पूर्वी यूपी के 49 जिलों में चल रहे भिन्न-भिन्न संस्कार केंद्रों में पढ़ते हैं। इन्हें महाकुंभ का दर्शन कराने की योजना बनाई गई है।

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। महाकुंभ में देश-विदेश के भक्त गंगा, यमुना व सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। यह भव्य आयोजन विश्व भर के लिए आकर्षण का केंद्र भी है। संतों, नागाओं के अतिरिक्त बुजुर्ग, महिलाएं व नौजवान बड़ी संख्या में नित्य प्रयागराज पहुंच रहे हैं।
अब आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के नन्हें बच्चे व उनके स्वजन भी इस भव्य आयोजन यानी कि महाकुंभ में शामिल हो सकेंगे। यह विद्या भारती की पहल से संभव हो सकेगा। इस श्रेणी के बच्चे विद्या भारती के पूर्वी यूपी के 49 जिलों में चल रहे भिन्न-भिन्न संस्कार केंद्रों में पढ़ते हैं। इन्हें महाकुंभ का दर्शन कराने की योजना बनाई गई है। प्रांतवार बच्चों को महाकुंभ ले जाया जाएगा।
तय कर दिया गया टाइम स्लॉट
इनके लिए टाइम स्लाॅट तय कर दिया गया है। बच्चे संगम में स्नान, ध्यान कर महाकुंभ का दर्शन करेंगे। इस दौरान वे वहां पर फलाहार करेंगे। महाकुंभ पर सुलेख प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। अवध प्रांत के बच्चों को 16 से 18 जनवरी तक प्रतिभाग करने का अवसर दिया गया है। गाेरक्ष प्रांत को 24 से 26 जनवरी का टाइम स्लॉट दिया गया है।
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कई कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा
कानपुर प्रांत को पांच से सात फरवरी व काशी प्रांत के लिए आठ से 10 फरवरी की समय अवधि निर्धारित कर दी गई है। किसी प्रांत से तीन हजार तो किसी से चार हजार बच्चों को महाकुंभ में ले जाने का कार्यक्रम बनाया गया है। ये बच्चे निश्शुल्क चिकित्सा शिविर, भोजन वितरण, भोजन, चाय, धार्मिक साहित्य तथा कंबल वितरण की प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे।
900 संस्कार केंद्रों में एक लाख 55 बच्चे अध्ययनरत
दरअसल पूर्वी यूपी में 900 संस्कार केंद्रों में एक लाख 55 बच्चे अध्ययनरत हैं। इसमें कुल लगभग 12 हजार बच्चों को चयनित किया गया है, जो कक्षा आठ तक शिक्षा हासिल करते हैं। संस्कार केंद्रों का कार्य देख रहे क्षेत्र प्रमुख योगेश ने बताया कि यह अनोखी योजना है।
महाकुंभ की संस्कृति का हिस्सा बनेंगे ये बच्चे
उन्होंने कहा कि ये बच्चे महाकुंभ की संस्कृति का हिस्सा बनेंगे और उनका दर्शन करेंगे। संस्कृति बोध परियोजना के क्षेत्र प्रमुख राजकुमार ने बताया कि ये बच्चे निर्धारित दिन के समय शाम को महाकुंभ परिसर पहुंचेंगे।
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