महाकुंभ से कितनी बदली UP की आर्थिकी, सबको बताएगी योगी सरकार; विभागों को दी गई आंकड़े जुटाने की जिम्मेदारी
प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में हुए बदलाव का आकलन करने के लिए योगी सरकार ने कमर कस ली है। सरकार यह पता लगाएगी कि डेढ़ महीने तक चले इस महाकुंभ से जिलों और राज्य की अर्थव्यवस्था में कितना बदलाव आया कितना राजस्व प्राप्त हुआ और पर्यटन के क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुआ। इसके लिए जिलों में आकलन शुरू हो गया है।
लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। तीर्थराज प्रयाग की धरा पर डेढ़ माह तक चले महाकुंभ से जिलों व राज्य की आर्थिकी में कितना बदलाव आया, कितना राजस्व प्राप्त हुआ, कितने पर्यटकों व श्रद्धालुओं का आगमन हुआ और पर्यटन के क्षेत्र में क्या परिवर्तन आया, प्रदेश सरकार इसे सार्वजनिक करेगी।
इसके लिए जिलों में आकलन शुरू हो गया है। इसे राजमार्गों पर पड़ने वाले टोल प्लाजा, होटल-रेस्टोरेंट, रेलवे व बस स्टेशन आदि के माध्यम से आंकलित किया जा रहा है। पत्र प्राप्त होने के बाद अर्थ एवं संख्या विभाग आंकड़े जुटाने में लगा है।
प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित हुए महाकुंभ के दौरान देश-विदेश के लगभग 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान-ध्यान किया था। तत्समय धर्मनगरी अयोध्या में भी धर्म व अध्यात्म की अविरल धारा प्रवाहित होती रही।
डेढ़ माह में लगभग ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालु रामलला व बजरंग बली के दर्शन के लिए पहुुंचे थे। एक-एक दिन में चार लाख से अधिक भक्त राम मंदिर में दर्शन कर काशी या अन्य गंतव्य को प्रस्थान करते रहे। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के कारण राजमार्गों पर जाम लगा रहता था।
रामनगरी में भी दिन भर जाम की स्थिति रहती थी। होटल-रेस्टोरेंट, होम स्टे व धर्मशालाएं खचाखच भरी रहती थीं। अब जबकि उस विकट स्थिति से निपट लिया गया, महाकुंभ सकुशल समाप्त हो गया तो प्रदेश सरकार इससे आए भौगोलिक, आर्थिक, धार्मिक व सामाजिक बदलाव का आकलन करा रही है।
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने उन सभी संबंधित विभागों को पत्र भेज आंकड़े जुटाने को कहा है, जिनका किसी भी स्तर पर जुड़ाव रहा। जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी अशोक शाक्य ने बताया कि शासन के निर्देश पर राजमार्गों के सभी टोल प्लाजा से महाकुंभ के दौरान व इसके पूर्व गुजरे वाहनों की संख्या, उनसे मिले राजस्व आदि की जानकारी मांगी गई है।
महाकुंभ की तरह लागू की जाएंगी रामलला के दर्शन की व्यवस्थाएं
रामभक्तों की संख्या अधिक होने पर महाकुंभ के समय की दर्शन व्यवस्था को फिर लागू किया जाएगा। रामनवमी पर छह अप्रैल को मनाए जाने वाले रामजन्मोत्सव में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी के दृष्टिगत समस्त व्यवस्थाएं पुख्ता की जा रही हैं, जिससे महाकुंभ की तरह राम मंदिर में दर्शन व्यवस्था सुचारु ढंग से चलती रहे।
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