महाकुंभ संपन्न होने के बाद अब रामनवमी पर उमड़ेंगे लाखों भक्त, बढ़ाई जाएगी राम मंदिर में दर्शन की टाइमिंग
महाकुंभ के पलट प्रवाह का प्रभाव तो खत्म हो चला है। अब अप्रैल माह में रामनवमी के अवसर पर फिर आस्था का ज्वार उमड़ने की संभावना है। अभी तक रोजाना तीन से चार लाख भक्त रामलला के दर्शन करने को अयोध्या आ रहे थे। नव्य-भव्य राम मंदिर का निर्माण हो चुका है तो उनके धाम के जन्मोत्सव में सम्मिलित होने का आनंद कुछ अलग होगा।

लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। प्रयागराज में महाकुंभ के पलट प्रवाह का प्रभाव तो खत्म हो चला है। अब अप्रैल माह में रामनवमी के अवसर पर फिर आस्था का ज्वार उमड़ने की संभावना है। अभी तक रोजाना तीन से चार लाख भक्त रामलला के दर्शन करने को अयोध्या आ रहे थे।
वैसे तो आराध्य भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव में सम्मिलित होने के लिए पूर्व के वर्षों से ही बड़ी संख्या में दूरदराज से श्रद्धालु यहां आते रहे हैं, लेकिन अब जबकि नव्य-भव्य राम मंदिर का निर्माण हो चुका है तो उनके धाम के जन्मोत्सव में सम्मिलित होने का आनंद कुछ अलग होगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुरू कर दीं तैयारियां
इसी को देखते हुए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। दर्शन की व्यवस्था को और समृद्ध किए जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है, जिससे अप्रैल में प्रवहमान होने वाले आस्था के वेग को नियंत्रित किया जा सके। दिव्य धाम में विराजमान रामलला के दर्शन के लिए बीते डेढ़ माह में लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे।
महाकुंभ के शुरुआती दिनों में बढ़ गई थी भक्तों की भीड़
महाकुंभ के शुरुआती दिनों में जब भक्तों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होने लगी और देश के विभिन्न प्रांतों से लोगों का आवागमन होने लगा तो पहले से उपलब्ध समस्त व्यवस्थाएं बौनी हो गई थीं। यद्यपि जल्द ही जिला प्रशासन व ट्रस्ट ने आपसी समन्वय से इस पर नियंत्रण पा लिया।
रोजाना तीन से चार लाख श्रद्धालु कर रहे थे दर्शन
दर्शनावधि बढ़ा दी गई, प्रवेश व निकासी मार्ग अलग-अलग किया गया व रामनगरी की सड़कों पर प्रतिबंध लागू कर दिए गए। परिणामस्वरूप, महाशिवरात्रि के बाद तक प्रतिदिन तीन से चार लाख श्रद्धालु निरंतर दर्शन करते रहे। अब जबकि रामनवमी का पर्व नजदीक आ रहा है तो ट्रस्ट की ओर से अभी से तैयारियां की जा रही हैं, जिससे किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।
दर्शन पथ पर बिछाया जाएगा मैट
सूत्रों का कहना है कि ट्रस्ट की ओर से रामजन्मभूमि पथ के बगल में स्थित यात्री सुविधा केंद्र के अतिरिक्त पांच स्थानों पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। अप्रैल में तेज धूप होने से श्रद्धालुओं के चलने के लिए दर्शन पथ पर मैटिंग बिछाई जाएगी।
यात्रियों के लिए लगवाई जाएगी कैनोपी
जगह-जगह कैनोपी लगवाई जाएगी, जिससे श्रद्धालु उसके नीचे बैठ कर विश्राम कर सकें। लेन की संख्या बढ़ाई जा सकती है तथा पहले से बनी लेन की मरम्मत कराई जाएगी। इसी के साथ भक्तों की संख्या के आधार पर दर्शन अवधि को भी बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
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