क्या अयोध्या में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देना चाहते हैं दहशतगर्द, पिछले 7 सालों में चार चेहरे हुए उजागर
अयोध्या में आतंकी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। आईएसआई पीएफआई के बाद अब आईएसकेपी ने भी रामनगरी में दस्तक दे दी है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संरक्षण में आतंकी संगठन कुछ स्थानीय मुस्लिम युवाओं को बहकाकर अपना नापाक मंसूबा पूरा करने की कोशिश में जुटे हैं। रामजन्मभूमि को लेकर लगातार विभिन्न आतंकी संगठन अयोध्या में अशांति फैलाने की धमकी दे रहे हैं।
रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या। ISI, PFI के बाद रहमान के रूप में अयोध्या के भीतर ISKP की ने भी दी दस्तक दे दी है। भारत से द्वेष रखने वाले आतंकी संगठन रामनगरी में आतंक की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। अयोध्या में अपने माड्यूल तैयार करने के पीछे इनका उद्देश्य रामजन्मभूमि के साथ बड़ी साजिश को अंजाम देना है।
पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) के संरक्षण में आतंकवादी संगठन कुछ स्थानीय मुस्लिम युवाओं को बहका कर अपना नापाक मंसूबा पूरा करने की कुचेष्टा में लगे हुए हैं।
रहमान (फाइल फोटो)
आफताब के बाद रहमान की गिरफ्तारी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। मरकज और जमात के नाम पर इन्हें आतंकवाद का ककहरा सिखाया जा रहा है। रामजन्मभूमि को लेकर लगातार विभिन्न आतंकी संगठन अयोध्या में अशांति फैलाने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन अब यह आतंकी संगठन यहां अपनी जड़े फैलाने लगे हैं।
सात वर्ष के भीतर यहां से चार ऐसे स्थानीय मुस्लिम युवाओं की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जो आतंकी संगठनों के इशारे पर सेना और रामनगरी के लिए रची जा रही बड़ी साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। इनमें दो युवक उस पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) संगठन के सक्रिय सदस्य थे, जिसका उद्देश्य रामनगरी में बाबरी मस्जिद को पुन: निर्माण कराना था, जबकि आइएसआइ से संपर्क में रहे खवासपुरा निवासी आफताब की गिरफ्तारी मई वर्ष 2017 में की गई थी।
मिलिट्री इंटेलिजेंस और यूपी एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में आफताब को पकड़ा गया था। वह पाकिस्तान भी जा चुका था और आइएसआइ के लिए वह सेना की जानकारियां जुटाता था। आफताब से पूछताछ के बाद भारत में छुपे कई आइएसआइ एजेंटों को पकड़ा गया था।
आफताब के स्थानीय मददगार अभी तक पहेली बने हुए हैं। आफताब के बाद अब इनायतनगर के मंजनाई निवासी अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी से रामनगरी के साथ हो रहे आतंकी षड़यंत्र का अनावरण हुआ है।
प्रारंभिक जांच में आया है कि वह आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आइएसकेपी) से जुड़ा था, जो आइएसआइ से पोषित माना जाता है। वह फरीदाबाद से हथियार लेकर अयोध्या लौटने वाला था कि पुलिस ने उसे दबोच लिया। रहमान जमात से जुड़ा था, जो दिल्ली आता जाता रहता था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसके संपर्कों की तलाश की जा रही है। रामनगरी में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
पीएफआइ की भी मिल चुकी हैं जड़ें
गत 29 सितंबर वर्ष 2022 में बीकापुर के कुढ़ा गांव से पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) सदस्य अकरम को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद गत दो अक्टूबर को शहर के पुरानी सब्जी मंडी से पीएफआइ के सक्रिय सदस्य मो. जैद को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों एक दूसरे से जुड़े थे।
पीएफआइ के एजेंडे में रामनगरी में बाबरी मस्जिद के पुन: निर्माण, आरएसएस में घुसपैठ सहित देश विरोधी बहुत-सी साजिशें शामिल हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि पीएफआइ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी षड़यंत्र रच रहा है।
दोनों नेताओं का दुष्प्रचार कर यह संगठन मुस्लिमों को उनके प्रति भड़का रहा है। ताकि भारत की अखंडता को नुकसान पहुंचाया जा सके। इसके लिए शहर से लेकर गांव तक मुस्लिमों के बीच पर्चे भी बांटे जा रहे थे।
रहमान के मामले में निगरानी जारी है। प्रकरण संवेदनशील है, इसकी जांच उच्चस्तरीय सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं। जांच की गोपनीयता को देखते हुए कुछ नहीं कहा सकता है।
श्रीयश त्रिपाठी, पुलिस क्षेत्राधिकारी मिल्कीपुर
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