अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा मेला में चलेंगी 120 स्पेशल बसें, इस दिन से शुरू होगा आवागमन
कार्तिक पूर्णिमा परिक्रमा मेला के लिए अयोध्या में परिवहन निगम 30 अक्टूबर से 6 नवंबर तक 120 विशेष बसें चलाएगा। बालू घाट पर अस्थायी बस स्टेशन बनाया गया है। कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। गोंडा बहराइच बस्ती अकबरपुर से ज्यादा यात्री आएंगे। मुख्य स्नान 4 नवंबर की रात से 5 नवंबर की शाम तक होगा।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। कार्तिक पूर्णिमा परिक्रमा मेला में रामनगरी आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के परिवहन निगम 30 अक्टूबर से छह नवंबर तक 120 मेला स्पेशल बसों का संचालन करेगा। बसों के संचालन के लिए अयोध्या फोरलेन पुल के नीचे बालू घाट पर अस्थाई बस स्टेशन की स्थापना की जाएगी, जिसकी तैयारी पूरी हो गई है।
क्षेत्रीय प्रबंधक विमल राजन ने अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। क्षेत्रीय प्रबंधक ने सिविल लाइन स्थित अयोध्या डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आदित्य प्रकाश को मेलाधिकारी नामित किया है।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि मेले में अधिकांश यात्री गोंडा, बहराइच, बस्ती एवं अकबरपुर से आते है। इन सभी डिपो के समस्त सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को अपने-अपने डिपो में रह कर यात्रियों के दबाव को ध्यान में रखते हुए बसों का संचालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है।
इसके अतिरिक्त गोरखपुर क्षेत्र के बस्ती एवं सिद्धार्थनगर डिपो तथा देवीपाटन क्षेत्र के गोंडा एवं बहराइच डिपो से भी आवश्यकता अनुरूप बसों का संचालन किया जाएगा।
इसके लिए क्षेत्रीय प्रबंधक गोरखपुर एवं क्षेत्रीय प्रबंधक देवीपाटन क्षेत्र अपने स्तर से संबंधित डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देशित करेंगे।
उन्होंने बताया कि ब्रेक डाउन एवं तकनीकी खराबी की स्थिति में अस्थाई मेला ग्राउंड पर चार तकनीकी स्टॉफ पूरी तैयारी के साथ उपस्थित रहेंगे। शत प्रतिशत बसों को ऑनरोड रखा जाएगा।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान पर्व चार नवंबर की रात्रि 09.07 बजे से प्रारंभ होगा, जो पांच नवंबर की शाम 06.42 बजे सूर्यास्त के बाद तक चलेगा।
इससे पूर्व चौदह कोसी परिक्रमा 30 अक्टूबर को और पंच कोसी परिक्रमा एक नवंबर को प्रातः 3.53 बजे से प्रारंभ होगी। कार्तिक पूर्णिमा मेला में लाखों श्रद्धालु परिक्रमा करने के पश्चात सरयू स्नान कर मंदिरों में दर्शन पूजन करते हैं।
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