Ayodhya में रामलला के पाटोत्सव में तीन दिवसीय भव्य अनुष्ठान, 11 से 13 जनवरी तक महापर्व... जानें हर दिन का कार्यक्रम
Ayodhya Ram Mandir | रामलला के विग्रह की प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ यानी पाटोत्सव 11 से 13 जनवरी तक मनाया जाएगा। रामजन्मभूमि परिसर के यज्ञ मंडप में शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिन शाखा के 40 अध्यायों के 1975 मंत्रों से अग्नि देवता को आहुति प्रदान की जाएगी। प्रार्थना मंडप में प्रतिदिन अपराह्न तीन बजे से शाम पांच बजे तक राग सेवा प्रस्तावित है।

संवाद सूत्र, अयोध्या। रामजन्मभूमि पर नवनिर्मित और भव्य मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में रामलला के विग्रह की प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ यानी पाटोत्सव वृहद-व्यापक अनुष्ठान के रूप में मनाया जाएगा। यद्यपि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी, लेकिन भारतीय पंचांग के हिसाब से यह तारीख पौष शुक्ल द्वितीया की तिथि थी और प्रथम वर्षगांठ पर यह तिथि सन 2025 की 11 जनवरी को पड़ रही है।
रामलला का प्रथम पाटोत्सव अकेले 11 जनवरी को ही नहीं मनाया जाएगा, बल्कि 11 से 13 जनवरी तक वृहद अनुष्ठान और व्यापक उत्सव होगा यह जानकारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कारसेवकपुरम में पत्रकार वार्ता के दौरान साझा की।
तीन दिवसीय चलेगा ऐतिहासिक कार्यक्रम
इस अवसर पर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र भी उपस्थित रहे। चंपत राय के अनुसार तीन दिवसीय उत्सव पांच स्थलों पर संयोजित है। रामजन्मभूमि परिसर के यज्ञ मंडप में शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिन शाखा के 40 अध्यायों के 1975 मंत्रों से अग्नि देवता को आहुति प्रदान की जाएगी।
11 वैदिक विद्वान तीन दिनों तक प्रतिदिन छह घंटे माध्यंदिन शाखा के मंत्रों का जप करने के साथ यज्ञ कुंड में आहुति देंगे। जप और आहुति के लिए चुने गए आचार्यों की विशेषता यह है कि उन्हें ये सभी मंत्र कंठस्थ हैं। इसी के समानांतर श्रीराम मंत्र का भी तीन दिनों की अवधि में ही छह लाख जप प्रस्तावित है।
यह है कार्यक्रम का टाइमटेबल
अनुष्ठान की ही प्रक्रिया के तहत राम रक्षा स्तोत्र, विष्णु सहस्स्रनाम, हनुमान चालीसा, पुरुष सूक्त, श्री सूक्त, गणपति अथर्वशीर्ष का भी तीन दिनों तक सतत पाठ- पारायण संयोजित है। प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ का महोत्सव राम मंदिर के दक्षिणी प्रार्थना मंडप में भी प्रवहमान होगा।
तीन दिवसीय उत्सव के दौरान प्रार्थना मंडप में प्रतिदिन अपराह्न तीन बजे से शाम पांच बजे तक राग सेवा प्रस्तावित है। राग सेवा के क्रम में प्रत्येक दिन एक राष्ट्रीय और एक प्रांतीय ख्याति के कलाकार सहित एक स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देगा।
राम मंदिर प्रांगण में ही उत्सव के तीनों दिन सायं छह से नौ बजे तक बधाई गान की भी प्रस्तुति होगी। राम जन्मभूमि परिसर की सीमा पर स्थित यात्री सुविधा केंद्र भी पाटोत्सव का परिचायक होगा। यहां सायं छह से नौ बजे तक रामचरितमानस का संगीतमय पाठ होगा।
यद्यपि इन स्थलों पर वही लोग जा सकेंगे, जिन्हें रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अनुमति होगी। इस व्यवस्था के विपरीत रामजन्मभूमि परिसर के बाहर अंगद टीला पर होने वाले कार्यक्रमों में लोग अपनी सुविधा के अनुसार शामिल हो सकेंगे। अंगद टीला पर तीनों दिन तीसरे पहर राम कथा एवं श्री राम के जीवन पर केंद्रित प्रवचन तथा सायं 5:30 से 7:30 तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
रामलला के प्रतिदिन 80 हजार दर्शनार्थी
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि रामलला का दर्शन करने के लिए प्रतिदिन 80 हजार दर्शनार्थी आ रहे हैं और इस हिसाब से वर्ष में रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या तीन करोड़ के आसपास ठहरती है। यह भी महत्वपूर्ण है कि रामलला के दर्शनार्थियों में देश के सभी राज्यों के श्रद्धालुओं का प्रतिनिधित्व है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने याद दिलाया कि देश के अधिकांश प्रांतों के मुख्यमंत्री और राज्यपालों सहित सेना के सर्वोच्च अधिकारी और देश के प्रधान न्यायाधीश भी रामलला का दर्शन करने आ चुके हैं।
मध्याह्न होगी रामलला की प्राकट्य आरती
रामलला के प्रथम पाटोत्सव का आरंभ 11 जनवरी को सुबह अंगद टीला पर भोजन वितरण से होगा और इसका शिखर मध्याह्न 12:20 बजे ठीक उसी समय रामलला की प्राकट्य आरती से होगा, जिस समय एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी। इससे पूर्व रामलला का अभिषेक किया जाएगा।
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