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    Ram Mandir Ayodhya: अयोध्‍या में आस्‍था का सागर, पहले ही द‍िन पहुंचे पांच लाख से अधि‍क दर्शनार्थी; रामनगरी की सीमा सील

    Updated: Wed, 24 Jan 2024 07:39 AM (IST)

    22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के पश्चात सुरक्षाकर्मी सांस भी नहीं ले पाए थे कि रामलला के दर्शनों को उमड़े भक्तों ने प्रशासन के सारे अनुमान ध्वस्त कर दिए। सोमवार शाम से प्रारंभ हुआ दर्शन का क्रम मंगलवार को कपाट बंद होने तक अनवरत रहा। मंगलवार दोपहर तक ढाई लाख लोग रामलला के दर्शन कर चुके थे।

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    मंगलवार को पूरे दिन आस्था के ज्वार से अभिषिक्त होता रहा रामजन्मभूमि पर बना नवनिर्मित मंदिर। जीतू निषाद

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। भक्तों में नव्य, भव्य और दिव्य मंदिर में विराजे ‘बालकराम’ को निहारने की ललक के आगे पीएम, सीएम और ट्रस्ट की अपील गौण हो गई। वातावरण ऐसा, मानो भक्तों की भीड़ पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा एक ही दिवस में पूरी कर लेना चाहती हो।

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    सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के पश्चात सुरक्षाकर्मी सांस भी नहीं ले पाए थे कि रामलला के दर्शनों को उमड़े भक्तों ने प्रशासन के सारे अनुमान ध्वस्त कर दिए। सोमवार शाम से प्रारंभ हुआ दर्शन का क्रम मंगलवार को कपाट बंद होने तक अनवरत रहा। मंगलवार दोपहर तक ढाई लाख लोग रामलला के दर्शन कर चुके थे। पट बंद होने तक पांच लाख लोगों ने बालकराम (नए स्थापित विग्रह का नाम) की छवि निहारकर स्वयं को धन्य किया।

    पुलिस ने गंतव्य पूछकर ही आगे जाने दिया

    पहले दिन ही भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षा तंत्र को बहुत परिश्रम करना पड़ा। प्रतिबंध भी आस्था के समुद्र को रोकने में असहाय दिखा तो रामनगरी की सीमाएं सील करनी पड़ीं। बाराबंकी जिला प्रशासन ने अयोध्या न जाने की अपील की तो गोंडा, अंबेडकरनगर और सुलतानपुर पुलिस ने लोगों को गंतव्य पूछकर ही आगे जाने दिया। पैदल एवं गांव-गलियों से होकर लोग रामनगरी पहुंच रहे हैं।

    सीएम योगी को भी पहुंचना पड़ा रामनगरी 

    रामभक्तों की अप्रत्याशित भीड़ ने शासन को भी चिंता में डाल दिया तो भीड़ नियंत्रण प्रबंधों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी रामनगरी पहुंचना पड़ा। उन्होंने हवाई सर्वे कर व्यवस्थाएं देखीं तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।

    कैंप कर रहे अधिकारी

    प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद एवं पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार यहां पहले से ही कैंप कर रहे हैं। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को स्वयं दर्शन व्यवस्था की कमान संभालनी पड़ी। दोनों अधिकारी गर्भगृह के समक्ष गूढ़मंडप में खड़े होकर दर्शनार्थियों को नियंत्रित करते रहे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न कराने के लिए अन्य जिलों से आई अतिरिक्त फोर्स को भी रोक लिया गया है। मंगलवार को जब मंदिर के पट खुले तो परिसर के बाहर का दृश्य चौंकाने वाला था। लाखों श्रद्धालु रामलला की देहरी पर खड़े थे। उल्लास से परिपूर्ण रामभक्तों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी दिन भर मेहनत करते रहे।

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    जयश्रीराम के जयघोष के आगे अफसरों की सारी अपील अनुसनी होतीं दिखीं। जिले की सीमा पर दिख रही चौकसी ने 1990 की यादें ताजा कर दीं, जब कारसेवकों को रोका जा रहा था, लेकिन तब और अब की स्थिति में बहुत अंतर है। उस समय आक्रोश रोका जा रहा था और अब आस्था के वेग को नियंत्रित करने की चेष्टा थी। यातायात के प्रतिबंध को अभी जारी रखा गया है।

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