राम दरबार सहित पूरक मंदिरों में विराजे देवी-देवता, मुख्यमंत्री योगी ने अभिजित मुहूर्त में की देवों की प्रतिष्ठा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा दशहरा के अवसर पर राम मंदिर परिसर में राम दरबार सहित आठ देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की। यह कार्यक्रम सुबह 1125 से 1140 बजे तक चला। रामेश्वरम की भी प्राण प्रतिष्ठा इसी दिन हुई। राम दरबार की मूर्ति सिंहासन समेत सात फीट ऊंची है जबकि अन्य मूर्तियां अलग-अलग आकार की हैं।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर में गुरुवार को रामलला के साथ कई देवों की प्रतिष्ठा हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिजित मुहूर्त में गंगा दशहरा के दिन अपने 53वें जन्मदिन पर राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार और सात पूरक मंदिरों में विभिन्न देवों को प्रतिष्ठित किया। मुख्य यजमान के रूप में राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल कुमार मिश्र ने सीएम के साथ समस्त अनुष्ठान संपन्न किए।

इससे पूर्व प्राण प्रतिष्ठा के विभिन्न अनुष्ठान सुबह आवाहित देवताओं के पूजन के साथ प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात काशी के यज्ञाचार्य जय प्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में 120 आचार्यों ने मंत्रोच्चार के बीच प्रतिष्ठा के अनुष्ठान प्रारंभ किए। लगभग दो घंटे मंत्रोच्चार चला। इसके बाद हवन हुई। बारी बारी से राम दरबार सहित सभी देवताओं का आह्वान करके यथास्थान प्रतिष्ठित किया गया।
सिंहासन समेत सात फीट ऊंची है मूर्ति
सिंहासन समेत राम दरबार के मूर्ति की ऊंचाई सात फीट है। सिंहासन करीब साढ़े तीन फुट ऊंचा है, जबकि सीताराम का विग्रह साढ़े चार फुट ऊंचा है। मूर्ति सिंहासन पर स्थापित करने के बाद ऊंचाई एक से ड़ेढ फुट कम हो गई है।
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ऐसे में कुल ऊंचाई सात फीट तक होगी। वहीं, हनुमान व भरत की मूर्ति बैठी मुद्रा में है, ऊंचाई ढाई फीट है। लक्ष्मण व शत्रुघ्न की मूर्ति खड़ी मुद्रा में है, इसकी ऊंचाई तीन-तीन फीट है।
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बालकराम के बाद राजाराम की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न
शताब्दियों के संघर्ष के पश्चात अपने पुरातन वैभव को प्राप्त करने की ओर अग्रसर रामनगरी के साथ गंगा दशहरा के अवसर पर स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया।
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सभी मन्दिरों को दृश्य माध्यम (कैमरा एवं स्क्रीन) से एक साथ जोड़ा गया था। श्रीराम दरबार और शेषावतार के साथ जिन मन्दिरों में प्राण प्रतिष्ठा हुई, उनमें परकोटा के ईशान कोण पर स्थित शिव मंदिर, अग्निकोण में गणेशजी, दक्षिणी भुजा के मध्य में हनुमानजी, नैऋत्य कोण में सूर्यदेव, वायव्य कोण में मां भगवती के साथ परकोटा की उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता प्रतिष्ठित हुई हैं।
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इस अवसर पर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि, सदस्य वासुदेवानंद सरस्वती, उडुपी पीठाधीश्वर माध्वाचार्य विश्वेष प्रसन्नतीर्थ, कांचीकामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती, महंत दिनेंद्रदास, राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव सहित अन्य अतिथि उपस्थित रहे।
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सूनी रहीं सड़कें, मंदिर में चलता रहा दर्शन
एक तरफ रामजन्मभूमि परिसर में प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान चलते रहे तो दूसरी तरफ रामलला का दर्शन निर्बाध चलता रहा। हालांकि विशिष्ट दर्शन बंद रखा गया। वीवीआईपी अतिथियों के परिसर में होने से किसी को विशिष्ट दर्शन नहीं सुलभ हो सका।
यद्यपि प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 22 जनवरी 2024 जैसा उल्लास रामनगरी में नहीं दिखा। दर्शनार्थियों की संख्या भी बहुत कम रही। दिनभर इक्का दुक्का भक्त ही राम जन्मभूमि पथ से होकर राम मंदिर में आते जाते दिखे।
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