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    इंतजार खत्म! तैयार हो गया राम मंदिर का मुख्य शिखर, नवरत्नों के ऊपर स्थापित किया गया 3500 KG का कलश

    Ram Mandir अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। 14 अप्रैल को शिखर पर 3500 किलोग्राम का कलश स्थापित किया गया। गुलाबी पत्थर से बने इस कलश को क्रेन की मदद से स्थापित किया गया। अब अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों में कलश स्थापना के बाद धर्म ध्वज दंड स्थापित किए जाएंगे। राम मंदिर ट्रस्ट तेजी से निर्माण कार्य पूरा करने में जुटा है।

    By lavlesh kumar mishra Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 14 Apr 2025 05:47 PM (IST)
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    राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण पूर्ण, स्थापित हुआ कलश

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। लगभग साढ़े छह महीने के उपरांत सोमवार को राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण पूरा हो गया। इसी के साथ वैशाख कृष्ण प्रतिपदा तद्नुसार 14 अप्रैल को ही मुख्य शिखर पर कलश स्थापित कर दिया गया। गुलाबी पत्थर से नारियल के आकार में निर्मित कलश लगभग 3500 किलोग्राम वजनी है।

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    इस कारण इसे कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो के अभियंताओं की देखरेख में टावर क्रेन से ऊपर ले जाया गया। अब छह देवी-देवताओं के मंदिरों में कलश स्थापना के उपरांत सभी मंदिरों में धर्म ध्वज दंड स्थापित होंगे।

    राम मंदिर के लगभग 101 फीट ऊंचे मुख्य शिखर का निर्माण शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन गत वर्ष एक अक्टूबर को पूजनोपरांत प्रारंभ कराया गया था।

    राजस्थान के बंसी पहाड़पुर की गुलाबी शिलाओं से निर्मित मुख्य शिखर में 29 लेयर में लगभग 32 हजार घन फीट पत्थरों को संयोजित किया गया है। इसका निर्माण अति दुरुह और चुनौतीपूर्ण रहा, इस कारण रामजन्मभूमि परिसर में कार्य कर रहीं लगभग सभी कार्यदायी एजेंसियों के तकनीकी विशेषज्ञों को निर्माण से संलग्न किया गया था।

    शुभ मुहूर्त में स्थापित किया गया कलश

    यद्यपि निर्माण का मुख्य दायित्व कार्यदायी एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो निर्वहन कर रही थी। साढ़े छह माह उपरांत मुख्य शिखर निर्मित हो जाने पर सोमवार को पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के निर्देशन में शुभ मुहूर्त में गर्भगृह के ऊपर शिखर पर कलश स्थापित किया गया। कलश के नीचे नवरत्नों को भी प्रतिष्ठित किया गया। यह कार्य लगभग साढ़े 10 बजे तक चला।

    ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि सभी देवी-देवताओं के मंदिरों में कलश स्थापित हो जाने के पश्चात धर्म ध्वज दंड की स्थापना शुरू होगी। धातु से निर्मित धर्म ध्वज दंड आ चुके हैं।

    उन्होंने बताया कि तीव्र गति से निर्माण होने के कारण अप्रैल में ही परिसर से सभी मशीनें खोल कर हटा दी जाएंगी। शेषावतार मंदिर में कलश स्थापना इसी माह के अंत में होगी, यह निर्माणाधीन है। इस बीच शेषावतार के अतिरिक्त सभी मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना भी होगी।

    एलएंडटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने बताया कि मुख्य शिखर पर स्थापित कलश लगभग 3500 किग्रा. का है, इस कारण टावर क्रेन के माध्यम से इसे ऊपर ले जाकर स्थापित कराया गया। जल्द ही परकोटे में निर्मित सभी छह देवी-देवताओं के मंदिरों में कलश स्थापित कर दिए जाएंगे। इसके बाद धर्म ध्वज दंड की स्थापना होगी। राम मंदिर पर 40 फीट और सहायक मंदिरों पर 20-20 फीट ऊंचे धर्म ध्वज दंड लगेंगे।

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