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    अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी पर बेहतर समन्वय का रोडमैप तैयार, बनेंगे सौ से अधिक यजमान

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 02:26 PM (IST)

    अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी के आयोजन को लेकर बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। इस आयोजन में सौ से अधिक यजमान शामिल होंगे ...और पढ़ें

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    प्रतिष्ठा द्वादशी पर बेहतर समन्वय का रोडमैप तैयार।

    प्रवीण तिवारी, अयोध्या। नव्य-भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ धूमधाम से मनाई जाएगी। इस बार पांच दिन धार्मिक उत्सव चलेगा। कार्यक्रम 29 दिसंबर से प्रारंभ होकर दो जनवरी तक चलेंगे। इसमें स्थानीयजनों को जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। दरअसल, ध्वजारोहण में आमंत्रण कार्ड वितरण को लेकर ट्रस्ट निशाने पर रहा, तो इस बार अधिक स्थानीय जनों को वरीयता दी जा रही है।

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    सभी नगरवासियाें को अंगद टीला के कार्यक्रम में खुला आमंत्रण दिया गया है। पांच दिन चलने वाले कार्यक्रम में बड़ी संख्या में यजमान बनाए जा रहे हैं। अलग-अलग कार्यक्रमों में यजमानों के चेहरे अलग होंगे। कुल 108 यजमान बनाने की तैयारी है।

    ट्रस्ट सदस्यों व मंदिर व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों व सदस्यों के बीच इसको लेकर मंत्रणा हो चुकी है। अब तैयारी को अंतिम स्पर्श दिया जा रहा है।

    बीते दिनों ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने रामनगरी के व्यापारियों के साथ बैठक कर स्थानीय लोगों से संवाद व समन्वय का प्रयास किया। कई व्यापारी पहली बार ट्रस्ट की बैठक में दिखे। 25 से अधिक व्यापारियों को यजमान बनाने की तैयारी है। सामान्य गृहस्थ भी शामिल होंगे।

    ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण किया था, पर संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े व मंदिर आंदोलन में शामिल रहे पूर्व सांसद विनय कटियार के ट्रस्ट महासचिव चंपतराय के विरोध में दिए गए बयान ने खलबली मचा दी।

    सियासी हलके में सांसद अवधेश प्रसाद ने बवाल काटा। संसद भवन तक में आवाज गूंजी। इस पर ट्रस्ट पदाधिकारियों ने चुप्पी साध ली, लेकिन प्रतिष्ठा द्वादशी में संगठन व स्थानीयजनों से समन्वय की कोशिश हो रही है।

    108 यजमान श्रीरामचरित मानस गान, श्रीराम कथा व मंडल पूजा का हिस्सा बनेंगे। परिसर के यज्ञ कुंड में आहुतियां डालेंगे। डा. अनिल ने कहाकि अंगद टीला पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सभी को बुलाया गया है। यजमान स्थानीय होंगे।