साहस का दूसरा नाम थे शशांक...लेफ्टिनेंट के बलिदान को हर किसी का सलाम; देश की सेवा में समर्पित रहा शहीद का घराना
बलिदानी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के पिता पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में हैं जो अमेरिका में तैनात हैं। बलिदानी के पारिवारिक करीबी बताते हैं कि लेफ्टिनेंट का घराना देश की सेवा में समर्पित है। ताऊ वेंकटरमण तिवारी सेना से सेवानिवृत्त हैं। चाचा रंगबहादुर का पुत्र विनय भी सेना में है। इस परिवार की रगों में देशप्रेम का जज्बा खून बनकर दौड़ता है।

संवाद सूत्र, अयोध्या। लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी। ये सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि साहस का पर्याय बन चुका है। देश की सुरक्षा में तैनात लेफ्टिनेंट ने साथी जवान को बचाने के लिए जो सर्वोच्च बलिदान दिया है, उससे रामनगरी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।
हालांकि शशांक के रूप में अपनी पराक्रमी संतान को खोने के बाद रामनगरी मर्माहत है। हर ओर उनके शौर्य और समर्पण की चर्चा है।
बलिदानी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी (File Photo)
सेना की वन बटालियन सिक्किम स्काउट्स में लेफ्टिनेंट पद पर तैनात शशांक गुरुवार की सुबह रूट ओपनिंग टीम के साथ मार्ग खोल रहे थे। इसी बीच उनके साथी जवान एवी स्टीफन सुब्बा लांग ब्रिज से बाहर निकलते समय फिसल गये और तेज बहाव वाली धारा में बह गए।
साथी की जान संकट में देख अपने प्राणों की परवाह किए बिना शशांक तत्काल धारा में कूद पड़े। साथी की जान बचाने में वह सफल रहे, लेकिन तेज धारा से खुद को बाहर नहीं निकाल सके और बह गए।
करीब आधे घंटे बाद उनका शव मिला। निधन की खबर से बटालियन के साथ रामनगरी के उस मझवा गद्दोपुर गांव में भी दुख के बादल छा गए, जहां वह अपने परिवार के साथ रहते थे।
उनके पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में हैं, जो अमेरिका में तैनात हैं। जंगबहादुर की दो संतानों में शशांक इकलौता बेटा था। बड़ी बेटी है, जिसका विवाह हो चुका है। बलिदानी का पैतृक घर बीकापुर के डेहरियावा गांव में है। इस गांव के कई बेटे भारतीय सेना का अंग हैं।
मझवा गद्दोपुर में बलिदानी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के आवास के निकट उपस्थित एसडीएम रामप्रसाद तिवारी, सीओ शैलेंद्र सिंह व अन्य पुलिस कर्मी तथा स्थानीय लोग : जागरण
बलिदानी के पारिवारिक करीबी मुकेश त्रिपाठी बताते हैं कि बलिदानी लेफ्टिनेंट का घराना देश की सेवा में समर्पित रहा है। ताऊ वेंकटरमण तिवारी सेना से सेवानिवृत्त हैं।
चाचा रंगबहादुर का पुत्र विनय भी सेना में है। इस परिवार की रगों में देशप्रेम का जज्बा खून बनकर दौड़ता है। बलिदानी के रिश्तेदार अनुपम त्रिपाठी ने बताया कि शशांक का सपना सेना का हिस्सा बनकर देश की सेवा करना था।
यही कारण था कि वर्ष 2019 में प्रथम प्रयास में ही उनका चयन एनडीए में हो गया। पिछले वर्ष उन्हें सेना में कमीशन मिला और पहली पोस्टिंग सिक्किम में हुई। उनमें इस बात का जरा भी अभिमान नहीं था कि वह सेना में बड़े अधिकारी हैं।
हमेशा रिश्तों को सम्मान देते थे। मां नीता तिवारी का उपचार कराने वह कुछ दिन पहले अवकाश लेकर आए थे तथा 13 दिन पहले ही यहां से वापस गए थे। साथी जवान को बचाने में शशांक के बलिदान से गर्व होता है, लेकिन इस बात की भी चिंता है कि परिवार को हुई क्षति की पूर्ति कैसे होगी।
सहयोग में लगे पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी
एसडीएम रामप्रसाद तिवारी एवं सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह व सेना के जवान गुरुवार शाम से ही बलिदान के परिवारीजनों के सहयोग में लगे हुए हैं। स्वजनों के अनुसार बलिदानी की मां के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अभी उन्हें निधन की जानकारी नहीं दी गई है।
मझवा गद्दोपुर में बलिदानी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के आवास के निकट उपस्थित पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी तथा स्थानीय लोग : जागरण
मिलने के लिए आने वालों को पड़ोसियों को घर पर बैठाया जा रहा है। बलिदानी का पार्थिव शरीर गुरुवार रात पहुंचने की संभावना है। शनिवार को जमथरा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम दर्शन के लिए घर के समक्ष खाली भूमि को साफ कराया जा रहा है।
सीडीएस विपिन रावत थे आदर्श
-बलिदानी सीडीएस विपिन रावत को लेफ्टिनेंट शशांक अपना आदर्श मानते थे। अनुपम और रितेश उनके साथ बिताए पल को याद कर भावुक हो उठते हैं। वह कहते हैं कि अक्सर वह जनरल विपिन रावत और एनएसए अजीत डोभाल के बारे में बाते करते थे।
दोनों के जीवन से वह काफी प्रभावित थे। गुरुवार सुबह हादसे से पूर्व दूरभाष पर उनकी मां से वार्ता हुई थी। उनके स्वास्थ्य के बारे में हालचाल पूछा था।
सीएम ने कहा बलिदानी के सम्मान में बनेगा स्मारक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के बलिदान पर उन्हें नमन किया है। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में रामनगरी पहुंचे सीएम ने स्वजन को 50 लाख रुपये की सहायता एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की। इसके साथ बलिदानी की स्मृति को जीवंत रखने के लिए उनका स्मारक बनवाने की भी घोषणा की है।
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