रामपथ को अवैध पार्किंग से मिलेगी मुक्ति, कचहरी परिसर के नए गेट का शुरू हुआ निर्माण
अयोध्या में रामपथ पर कचहरी के सामने लगने वाली वाहनों की कतार से अब निजात मिलेगी। कचहरी के पीछे मल्टीलेवल पार्किंग बनी है पर अधिवक्ता दूरी के कारण इसका उपयोग नहीं कर रहे थे। उच्च न्यायालय ने अब दीवार तोड़कर द्वार बनाने की अनुमति दे दी है जिससे पार्किंग की दूरी कम होगी और रामपथ पर यातायात सुगम होगा। इससे वादकारियों को भी सुविधा मिलेगी।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। लंबे समय से रामपथ की गरिमा पर बट्टा लगा रही कचहरी के समक्ष लगने वाली वाहनों की अव्यवस्थित कतार यानी अवांछित पार्किंग से मुक्ति मिलेगी। हालांकि, कचहरी के पृष्ठ में मल्टीलेवल पार्किंग का उद्घाटन हुए डेढ़ साल हो गए, किंतु उसकी उपयोगिता को लेकर गतिरोध था।
अधिवक्ताओं ने 37 करोड़ आठ लाख 49 हजार की लागत से निर्मित पार्किंग का इस आधार पर बहिष्कार कर रखा था कि यह दूर है तथा यहां वाहन पार्क करने के बाद उन्हें अपना भारी-भरकम बस्ता लेकर कार्यस्थल तक पहुंचने में अड़चन का सामना करना पड़ेगा।
अधिवक्ता प्रदेश की अन्य कचहरियों का उदाहरण देकर वाहन पार्किंग का शुल्क भी देने को तैयार नहीं थे। इस गतिरोध के चलते मल्टी लेवल पार्किंग बनने के बावजूद अधिवक्ताओं सहित वादकारियों के हजारों वाहन रामपथ एवं कचहरी के अन्य कोनों-किनारों पर बेतरतीब पार्क होकर यातायात की व्यवस्था एवं अनुशासन को ठेंगा दिखाते हैं।
अब यह गतिरोध उच्च न्यायालय, जिला जज व जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से दूर होने को है। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे के अनुसार पार्किंग की दूरी कम करने के लिए लंबे समय से पार्किंग के ठीक सामने कचहरी परिसर की दीवार तोड़ कर वहां द्वार बनाए जाने का प्रस्ताव लंबित था।
दो दशक पूर्व कचहरी बम विस्फोट के चलते कचहरी परिसर में आवागमन का कोई नया विकल्प विकसित किए जाने पर सुरक्षा संबंधी मानकों के चलते पाबंदी थी और पार्किंग से सीधा मार्ग सुनिश्चित करने के लिए नए द्वार के निर्माण के प्रस्ताव पर विचार हाईकोर्ट में लंबित था।
गत चार सितंबर को हाईकोर्ट न न केवल यह द्वार बनाए जाने की अनुमति प्रदान कर दी, बल्कि द्वार का निर्माण भी शुरू किया जा चुका है।
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