राम जन्मभूमि ट्रस्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी, धोखाधड़ी पर सवाल करने पर जान से मारने की दी धमकी
अयोध्या में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम पर नौकरी का झांसा देकर युवाओं से ठगी करने वाले अनमोल मिश्र की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। उस पर फर्जी नियुक्ति पत्र देने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। जांच में उसके मोबाइल चैट और बैंक खाते के विवरण से धोखाधड़ी का पता चला।

संवाद सूत्र, अयोध्या। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम पर नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से ठगी करने के आरोपित अनमोल मिश्र उर्फ वैभव मिश्र की जमानत अर्जी अपर जिला जज तृतीय सुरेंद्र मोहन सहाय ने निरस्त कर दी है।
न्यायालय ने मामले की गंभीरता, साक्ष्यों एवं विवेचना की प्रगति को देखते हुए पाया कि प्रकरण बेहद संगीन है और फिलहाल आरोपी को राहत नहीं दी जा सकती।
व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर की जा रही थी धोखाधड़ी
शासकीय अधिवक्ता विजय ओझा के अनुसार वादी अवनीश पांडेय ने कोतवाली नगर थाने में शिकायत की कि अनमोल मिश्र नामक युवक उनके रेस्टोरेंट पर आता-जाता था और खुद को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कर्मचारी बताता था। उसने दावा किया कि यदि कोई नौकरी करवाना चाहे तो वह लगवा सकता है।
इस पर वादी ने अपने मामा के बेटे शुभम तिवारी और साले प्रणव पांडेय की नौकरी लगवाने की बात कही। अनमोल मिश्र ने दोनों के आधार कार्ड, फोटो और नमूना हस्ताक्षर के साथ 4250-4250 रुपये की मांग की।
वादी ने उसके खाते में 9000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद खाता खुलवाने के नाम पर उसने फिर 2100-2100 रुपये दोनों से वसूल किए। कुछ दिनों बाद वादी के रिश्तेदारों को रामजन्मभूमि ट्रस्ट का नियुक्ति पत्र भेजा गया, जो जांच में पूरी तरह फर्जी व कूटरचित निकला।
जब इस धोखाधड़ी पर सवाल किया गया तो आरोपित ने जान से मारने की धमकी दी। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि विवेचना के दौरान आरोपित के मोबाइल चैट, गूगल-पे लेन-देन, बैंक खाते का स्टेटमेंट और फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए गए।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपित ने कस्टमर अयोध्या रामजन्मभूमि नाम से व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर लोगों से ठगी की साजिश रची थी।
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