राम मंदिर में लगेगी फसाड लाइट, दूधिया रोशनी से जगमगा उठेगा पूरा परिसर; तीन कंपनियों ने किया मॉकअप
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर सहित पूरक मंदिरों पर फसाड लाइट का परीक्षण किया गया। बारिश के कारण पहला परीक्षण अच्छा नहीं रहा इसलिए ट्रस्ट ने दूसरा मॉकअप करने का निर्णय लिया है। राम मंदिर परिसर को फसाड लाइट से प्रकाशित करने की योजना है जिसके लिए विभिन्न कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। जल्द ही दूसरे चरण का परीक्षण होगा।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। आने वाले दिनों में सूर्यदेव के अस्ताचलगामी होते ही पूरा रामजन्मभूमि परिसर दूधिया रोशनी से जगमगा उठेगा। यह संभव होगा फसाड लाइट से। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर सहित परकोटे के मध्य निर्मित पूरक मंदिरों सहित अन्य को फसाड लाइट के माध्यम से प्रकाशित करने की योजना तैयार की है।
गुरुवार शाम लगभग सवा सात बजे राम मंदिर के मुख्य शिखर पर एक बड़ी फसाड लाइट लगा कर इसका मॉकअप (परीक्षण) भी किया गया। हालांकि वर्षा के कारण प्रथम चरण का मॉकअप बहुत अच्छा नहीं हो सका, इसलिए अब द्वितीय चरण में परीक्षण कराया जाएगा।
राम मंदिर ट्रस्ट ने राम मंदिर सहित अन्य 14 पूरक मंदिरों में फसाड लाइट लगाने के लिए निविदा आमंत्रित की थी। सूत्रों का कहना है कि इसमें बिजली उपकरणों की निर्माता तीन कंपनियों हैवेल्स, फिलिप्स व बार्को ने प्रतिभाग किया है।
इन तीनों कंपनियों को ट्रस्ट ने मॉकअप के लिए गुरुवार को आमंत्रित किया था। कंपनियों की ओर से गुरुवार दोपहर में ही राम मंदिर के मुख्य शिखर सहित अन्य मंदिरों के शिखर पर फसाड लाइट लगाई गई और परकोटे पर लीनियर सिस्टम रख कर इन्हें एक साथ जोड़ा गया।
एक कार्यदायी संस्था के अधिकारी ने बताया कि परीक्षण के दौरान ही वर्षा हो जाने के कारण यह अच्छे ढंग से संभव नहीं हो सका और कुछ तकनीकी समस्या भी आ गई, इसलिए अब तीनों कंपनियों को फिर से मॉकअप के लिए बुलाया गया है।
जल्द ही दूसरे चरण का परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद राम मंदिर के मुख्य शिखर पर बड़ी फसाड लाइट लगेगी और परकोटे के छह मंदिर, सप्तर्षियों के सात मंदिर और शेषावतार मंदिर के शिखर पर छोटी फसाड लाइट लगाई जाएगी।
क्या होती है फसाड लाइट
फसाड लाइट को वास्तुशिल्प प्रकाश व्यवस्था भी कहा जाता है। यह किसी भवन के बाहरी हिस्से को रोशन करने के लिए प्रयोग की जाने वाली रोशनी होती है।
इसका उद्देश्य भवन की सुंदरता को बढ़ाना, वास्तुशिल्प विशेषताओं को उजागर करना और रात में दृश्यता में सुधार करना है। फसाड लाइटिंग, भवन की समग्र डिजाइन और धारणा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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