पीले रंग की चौबंदी, सफेद धोती और गेरुआ गमछा पहनेंगे Ram Mandir के सभी अर्चक, ट्रस्ट ने लागू किया ड्रेस कोड
अयोध्या के भव्य राम मंदिर में सेवा देने वाले अर्चक अब एक जैसे वस्त्र और वेशभूषा में नज़र आ रहे हैं। रामानंदीय परंपरा और वैदिक पूजा पद्धति के अनुसार सभी पुजारियों को पीले वस्त्र पहनने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय रामलला की सेवा में लगे पुजारियों के लिए एक विशिष्ट पहचान बनाने और मंदिर की गरिमा बनाए रखने के लिए लिया गया है।

लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों के स्वाभिमान के प्रतीक दिव्य और भव्य राम मंदिर में विराजमान रामलला की सेवा-सत्कार में संलग्न अर्चक अब एक रंग के वस्त्र और वेशभूषा में दिखने लगे हैं। वे भगवान के जागरण, अभिषेक, श्रृंगार व भोग के समय ही नहीं, उनकी स्तुति में भी एक परिधान में नजर आ रहे हैं।
कारण यह कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामानंदीय परंपरा के विधान और वैदिक पूजा पद्धति के अनुसार सभी अर्चकों को पीत वस्त्र (पीला वस्त्र) धारण करने का निर्देश दे दिया है।
रामजन्मभूमि पर निर्मित राम मंदिर में बीते वर्ष 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से ही भगवान की सेवा में लगे सभी पुजारियों के लिए एक रंग का परिधान तय किए जाने पर विचार चल रहा था, लेकिन किसी कारणों से निर्णय नहीं हो सका था। न ही ट्रस्ट की ओर से इस संबंध में कोई निर्देश दिया गया था।
10 प्रशिक्षित पुजारियों की नियुक्ति हुई
माना गया था कि ट्रस्ट की ओर से प्रशिक्षित किए जा रहे 20 पुजारियों की स्थायी नियुक्ति के बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा, लेकिन अगस्त में सभी प्रशिक्षित पुजारियों को प्रमाण पत्र सौंप विदा कर दिया गया था। हाल ही में 10 प्रशिक्षित पुजारियों की राम मंदिर में सेवा के लिए नियुक्ति हुई तो ट्रस्ट ने गत दिनों पुजारियों का परिधान तय कर दिया है।

रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास इसकी पुष्टि करते हुए बताते हैं कि ट्रस्ट पदाधिकारियों ने सेवा देने वाले सभी अर्चकों को पीले रंग की चौबंदी और सफेद धोती पहनने का निर्देश दिया है। साथ ही नए व पुराने सभी 14 अर्चकों को दो-दो पीली चौबंदी भी ट्रस्ट ने प्रदान कर दी है, जिन्हें ट्रस्ट ने ही सिलवाया है। अब सभी अर्चक पीली चौबंदी, सफेद धोती व लाल या गेरुआ रंग के गमछे में दिखने लगे हैं।
मंदिर में वर्तमान में चार पुराने व दस नए अर्चक रामलला सहित वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान हनुमानजी व कुबेर टीले पर स्थित कुबेरेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन कर रहे हैं। यद्यपि राम मंदिर के व्यवस्थापक व विहिप पदाधिकारी गोपाल राव इसे ड्रेस कोड नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि श्रद्धालुओं के मध्य विशिष्ट पहचान के लिए वस्त्र सौंपे गये हैं।

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