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    Deepotsav 2024: एक साथ दो विश्व रिकॉर्ड की साक्षी बनी रामनगरी, 35 मिनट में जलाए गए 25 लाख से अधिक दीये

    Updated: Wed, 30 Oct 2024 08:31 PM (IST)

    अयोध्या के आठवें दीपोत्सव में दो विश्व कीर्तिमान बनाए गए। राम की पैड़ी पर 25 लाख से अधिक दीये 35 मिनट में जलाए गए और 1600 साधु-संत और भक्तों ने सरयू माता की महाआरती में भाग लिया। यह आयोजन वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है और अब यह पहला सांस्कृतिक आयोजन है जिसने एक ही समय में दो विश्व कीर्तिमान स्थापित किए।

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    गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के सर्टिफिकेट दिखाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

    प्रहलाद तिवारी, अयोध्या। प्रभु श्रीराम के दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद रामनगरी में आयोजित आठवां दीपोत्सव इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया। यह दीपोत्सव इसलिए भी विशेष रहा कि रामनगरी एक नहीं बल्कि दो कीर्तिमानों की साक्षी बनी। 

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    एक ही आयोजन में दो विश्व कीर्तिमान

    एक ओर दीयों की दीप्ति से रामकी पैड़ी, भजन संध्या स्थल और चौधरी चरण सिंह घाट आलोकित रहा तो दूसरी ओर सरयू माता भी। एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 16 सौ श्रद्धावनत भक्त मां सरयू की आरती में आबद्ध रहे। अपनी तरह के पहले आयोजन पर एक साथ दो विश्व कीर्तिमान बना कर सरयू माता इतराती और गौरवान्वित होती प्रतीत हुईं।

    राम की पैड़ी, चौधरी चरण सिंह घाट और भजन संध्या स्थल पर एक साथ 25 लाख 12 हजार 585 दीये रोशन हुए। 35 मिनट में यह रिकॉर्ड बना। इसके पहले केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और महाआरती के संयोजक महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी की मौजूदगी में 1600 साधु-संत, वेदाचार्य व अर्चकों ने पुण्य सलिला सरयू की महाआरती की। 

    1121 बटुकों ने विश्व कीर्तिमान रचा

    इसमें 1121 बटुकों ने एक साथ सरयू आरती कर विश्व कीर्तिमान रचा। इसकी घोषणा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने की है। सरयू तट पर 16 खंडों में बंटे अर्चकों ने एक साथ मोक्षदायिनी की आरती कर इतिहास रचा। प्रत्येक खंड में एक मुख्य अर्चक रहा और 100-100 की संख्या में भक्त आरती करते दिखे। 

    एक रंग के परिधान पीली साड़ी पहने 500 से अधिक महिलाएं भी महाआरती में शामिल होकर विश्व रिकॉर्ड की साक्षी बनीं। महाआरती से डेढ़ किलोमीटर परिधि का सरयू तट दिव्य आभा से प्रकाशमान हो उठा। 

    एक घंटे के अंदर बने दोनों विश्व रिकॉर्ड

    शाम को छह बजकर 20 मिनट पर पुण्य सलिला सरयू की महाआरती शुरू हुई। सरयू आरती में लगभग आधे घंटे का समय लगा। उसके बाद दीप प्रज्वलन शुरू हुआ। दीपों का महाकुंभ व सरयू की महाआरती दोनों विश्व रिकॉर्ड एक ही आयोजन में एक घंटे के अंदर बने। 

    यूं तो दीपोत्सव वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान पहले ही बना चुका है, बुधवार को एक साथ दो विश्व कीर्तिमान गढ़ कर पूरे विश्व में अपनी तरह का पहला सांस्कृतिक आयोजन बना है।

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