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    अयोध्या में मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को मिल सकते हैं दो घंटे, ठहराव और आवागमन पर होगा मंथन

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 03:01 PM (IST)

    अयोध्या में राम मंदिर के साथ रामजन्मभूमि परिसर में बने अन्य मंदिरों में भी दर्शन जल्द शुरू हो सकते हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ध्वजारोहण समारोह के बाद दर्शन शुरू करने की योजना बनाई है जिसके लिए 23 से 25 नवंबर की तिथि प्रस्तावित है। ट्रस्ट श्रद्धालुओं के आवागमन और दर्शन के लिए समय सीमा पर विचार कर रहा है।

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    मंदिरों में दर्शन के लिए दर्शनार्थियों को मिल सकते हैं दो घंटे।

    लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। राम मंदिर के अतिरिक्त रामजन्मभूमि परिसर में निर्मित छह पूरक मंदिरों व सप्तमंडपों में दर्शन ध्वजारोहण समारोह के तुरंत बाद प्रारंभ हो सकता है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ध्वजारोहण की तिथि 23 से 25 नवंबर प्रस्तावित की है। मुख्य कार्यक्रम अंतिम दिन होगा। इसी दिन राम मंदिर सहित सभी पूरक मंदिरों के शिखर पर ध्वजा फहराई जाएगी।

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    ट्रस्ट के सदस्य आयोजन की रूपरेखा तो तय ही कर रहे हैं, दर्शन प्रारंभ किए जाने के बाद परिसर में श्रद्धालुओं के ठहराव व आवागमन को लेकर भी मंथन कर रहे हैं। बताया जा रहा कि भक्तों को दर्शन के लिए दो घंटे दिए जा सकते हैं।

    राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार के साथ पांच जून को ही परकोटे के मध्य निर्मित देवी-देवताओं के छह पूरक मंदिरों (सूर्यदेव, शिव, गणेश, दुर्गा, अन्नपूर्णा व हनुमान) में भी प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई थी।

    ट्रस्ट ने 13 जून से राम दरबार में तो दर्शन प्रारंभ करा दिया, परंतु परकोटे का निर्माण व मंदिरों की फिनिशिंग जारी रहने से पूरक मंदिरों में दर्शन नहीं प्रारंभ हो पाया है।

    इसी के साथ परकोटे के बाहर निर्मित सप्तर्षियों के मंदिरों में भी दर्शन नहीं शुरू हुआ है। अब जबकि मंदिर निर्माण समिति की ओर से तय की गई समयावधि के अनुसार पत्थरों से संबंधित संपूर्ण कार्य 30 अक्टूबर तक पूरे होने हैं तो ट्रस्ट ने इस अभूतपूर्व क्षण को अविस्मरणीय बनाने की योजना तैयार की है। इस उपलक्ष्य में वृहद उत्सव आयोजित होगा, जिसे ध्वजारोहण समारोह का नाम दिया गया है।

    इसी अवसर पर सभी मंदिरों के शिखर पर सनातन पताका फहराई जाएगी। सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट आयोजन के उपरांत सभी मंदिरों में दर्शन की अनुमति दे सकता है। इसके पहले रामजन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं के आने-जाने के मार्ग और रुकने के समय पर विचार किया जा रहा है।

    सूत्र बताते हैं कि ट्रस्ट के सदस्य श्रद्धालुओं को अधिकतम दो घंटे देने के पक्ष में हैं। सुगम व विशिष्ट पास के लिए ट्रस्ट की ओर से पहले से तय छह स्लाटों को भी दो-दो घंटे का ही रखा गया है। परिसर में लगभग डेढ़ दर्जन स्थानों पर दर्शन या परिक्रमा होने के कारण भक्तों को इतना समय लग सकता है, इसलिए इसे पर्याप्त माना जा रहा है।

    हालांकि, अभी इस संबंध में कुछ भी सार्वजनिक करने से ट्रस्टियों ने मना किया, परंतु दर्शन की अनुमति देने से पूर्व प्लान अवश्य तय किया जा रहा है। सभी स्थानों पर दर्शन प्रारंभ होने पर परिसर में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी स्वाभाविक मानी जा रही है। इस कारण बिना किसी प्लान के भक्तों को सुगम व सुरक्षित दर्शन कराना दुरूह होगा।

    एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे कहते हैं, ट्रस्ट की ओर से जब भी दर्शन शुरू किया जाएगा, परिसर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन कराते हुए परिसर को सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता में रहेगा।

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