Ram Mandir का समय पर कार्य पूर्ण करने को लेकर बढ़ी चिंता, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व ये है चुनौती
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। भूतल का कार्य पूरा होने के समीप है। वहीं प्रथम तल का कार्य भी तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। राम मंदिर के नृत्य मंडप का शिखर भी आकार लेने लगा है। राम मंदिर में 161 फीट ऊंचे मुख्य शिखर के साथ पांच उप शिखर का भी निर्माण होना है।

अयोध्या, संसू। नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों होगी। तब तक राम मंदिर के उस भूतल को पूरी तरह सज्जित किया जाना है, जिसके गर्भगृह में रामलला की स्थापना होगी। साथ ही रामनगरी को भव्य सांस्कृतिक नगरी के रूप में विकसित किए जाने के अभियान को भी निर्णायक चरण तक पहुंचाना है।
न केवल 15 से 24 जनवरी के बीच प्रस्तावित रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हो रहे लाखों लोगों को समुचित आवास, आवागमन और मार्ग उपलब्ध कराने की चुनौती है, बल्कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शनार्थियों में दो से तीन गुणा की अनुमानित वृद्धि के हिसाब से भी समुचित प्रबंध किया जाना है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर मंदिर निर्माण समिति पूरी तत्परता बरत रही है। तय किया गया कि समिति की मासिक बैठक प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव तक प्रत्येक 15 दिन पर होगी।
इसी क्रम में शुक्रवार से मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई। बैठक से पूर्व राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र, मंदिर के मुख्य आर्कीटेक्ट आशीष सोमपुरा तथा कार्यदायी संस्था एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के पदाधिकारियों के साथ तेज बरसात के बावजूद मंदिर परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया। इसके बाद परिसर में ही स्थित कार्यदायी संस्था के कार्यालय में शुरू बैठक के साथ यह स्पष्ट हो गया कि मंदिर के भूतल का ढांचा भले खड़े हो गया है, किंतु अनेकानेक आयामों में अभी काम बाकी है और इसे तय समय के अंदर अंतिम स्पर्श दिया जाना हे।
बैठक में रामलला की प्रतिमा निर्माण की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि रामलला की प्रतिमा का 70 प्रतिशत काम हो गया है और समय सीमा के अंदर प्रतिमा तैयार हो जाएगी। रामलला की तीन प्रतिमाएं एक साथ निर्मित कराई जा रही हैं और उसमें जो श्रेष्ठतम होगी, उसे गर्भगृह में स्थापित करने के लिए चुना जाएगा। यात्री सुविधा केंद्र, रिटेनिंग वाल, परकोटा आदि का निर्माण अभी चल रहा है और और अधिक संसाधन झोंककर इसका निर्माण दिसंबर माह तक पूर्ण किए जााने का संकल्प दोहराया गया।
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