30 साल बाद पीठ के बल लेट कर चैन की नींद सोयेंगे संतराम, डॉक्टरों के कमाल ने सबको किया हैरान
राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक जटिल हिप ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। संतराम की रीढ़ से लेकर पैर तक की हड्डियां आपस में जाम हो गई थीं जिससे वे 30 सालों से सीधे नहीं सो पा रहे थे। जांच कराने पर हड्डियां 90 डिग्री जाम तथा हृदय और फेफड़े की समस्या से भी ग्रसित मिले। डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद सफल ऑपरेशन किया।

प्रमोद दुबे, अयोध्या। राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एक से बढ़ कर एक कमाल कर रहे हैं। नया प्रकरण ऑर्थो विभाग की ओटी में देखने को मिला। डॉक्टरों ने कमर, कूल्हे और रीड की हड्डियां 90 डिग्री तक जाम होने पर भी करवट के बल पर कूल्हे का ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की।
प्राचार्य सत्यजीत वर्मा ऑर्थो सर्जन के साथ बेहोशी के डॉक्टरों का इसमें महत्वपूर्ण योगदान बताया। शहर के धारा रोड निवासी 45 वर्षीय संतराम की रीढ़ से लेकर पैर तक की हड्डियां आपस में जाम हो गयी हैं। इसकी वजह से वे करीब 30 वर्षों से पीठ के बल सीधे नहीं सो सके हैं।
पीठ के बल सोने का प्रयास करने पर पैर हवा में हो जाते हैं। इस बीच संतराम घर के अंदर फिसल कर गिर गये और उनके कूल्हे की हड्डी टूट गयी। स्वजन उन्हें लेकर मेडिकल कॉलेजपहुंचे ,जहां ओपीडी में डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने 20 मार्च को उन्हें भर्ती कर लिया।
ऑपरेशन के लिए जांच कराने पर हड्डियां 90 डिग्री जाम तथा हृदय और फेफड़े की समस्या से भी ग्रसित मिले। इस हालत में ऑपरेशन करने में डॉक्टर हिचकिचा रहे थे, लेकिन हार न मान कर डॉ. धर्मेंद्र ने एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. जेपी तिवारी व ऑर्थो विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनोद आर्या से विचार विमर्श किया।
बेहोशी का इंजेक्शन देने पर संतराम के दोबारा होश में आने की आशंका तथा रीड की हड्डी जाम हाेने से इंजेक्शन देना संभव नहीं दिखा।
डॉ. जेपी तिवारी ने सहयोगी डॉक्टर डॉ. खुशबू शर्मा के साथ अल्ट्रासाउंड मशीन के सहारे एनेस्थीसिया देने के बजाय संतराम के कूल्हे वाले स्थान को सुन्न कर दिया, जिसके बाद करवट के बल पर ही डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने सहयोगी डॉक्टर विवेक राय के साथ डॉ. विनोद आर्या के मार्गदर्शन में सी-आर्म मशीन का सहारा लेकर जटिल ऑपरेशन करके राड डालने में सफलता हासिल की।
रोगी अब पूरी तरफ से स्वस्थ है। इस सफलता के बाद सीएमएस डॉ. अरविंद सिंह, ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष डॉ. डीके सिंह, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. वीरेंद्र वर्मा, डॉ. साकेत गुप्त आदि ने डॉक्टरों को बधाई दी।
कुछ माह से कॉलेजके डॉक्टर तमाम जटिल ऑपरेशन कर मरीजों को राहत दे रहे हैं। इस तरह के ऑपरेशन के लिए बड़े शहरों के चिकित्सालयों में लाखों रुपये खर्च करना पड़ते हैं। अब प्रतिदिन ऑर्थो ही नहीं सर्जरी आदि विभागों में बेहोशी विभाग की मदद से जटिल ऑपरेशन किए जा रहे हैं, जो काफी गर्व की बात है।
-डॉ. सत्यजीत वर्मा, प्राचार्य
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