Milkipur By Election: अखिलेश का किला भेदने में जुटे योगी, आज करेंगे विशाल जनसभा... इस सीट पर BJP-सपा में सीधी टक्कर
यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र (UP Milkipur Vidhansabha) में उपचुनाव (Milkipur By Election) प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) जनसभा को संबोधित करेंगे। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है। पिछले तीन चुनावों से यहां समाजवादी पार्टी का कब्जा है। भाजपा इस बार हर हाल में जीत दर्ज करना चाहती है।

प्रह्लाद तिवारी, अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में प्रचार समाप्त हाेने के एक दिन पहले रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा को संबोधित कर क्षेत्रीय मतदाताओं को भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के पक्ष में साधेंगे।
मिल्कीपुर का प्रतिष्ठापरक उपचुनाव अब सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। चुनाव प्रचार में आखिरी के दाे दिन बचे हैं। रविवार व सोमवार, इन दो दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर का किला भेदने का प्रयास करेंगे तो वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव कुंदरकी व कटेहरी हारने के बाद अपने गढ़ को बचाने की जुगत करेंगे।
सीएम योगी रविवार यानी आज करेंगे जनसभा
सीएम रविवार को न सिर्फ जनसभा को संबोधित कर हुंकार भरेंगे, बल्कि पिछली जनसभा में विधायक व मंत्रियों को दिए गए टास्क की समीक्षा भी कर सकते हैं। सोमवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जनसभा कर भाजपाई रणनीति को विफल करने का प्रयास करेंगे।
कौन कितना सफल होता है, यह तो जनता तय करेगी, लेकिन चुनौतियां दोनों दलों के सामने कम नहीं है। उसके पीछे इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का अलग मिजाज बताया जा रहा है।
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यहां तीन चुनाव से बीजेपी को जीत का इंतजार
भाजपा यूं ही नहीं यहां पर जीत के लिए व्याकुल है। पिछले दो उपचुनावों के परिणाम सपा के हौंसले को बुलंद करने वाले हैं। वर्ष 1998 में सत्ता में रहते हुए भी बीजेपी यहां पर उपचुनाव हार गई थी। यहां पर पिछले तीन चुनाव लगातार समाजवादी पार्टी जीत रही है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां पर भाजपा के गोरखनाथ बाबा चुनाव जीते थे। उसके बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यहां पर बीजेपी पिछड़ गई थी।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और सपा प्रत्याशी के तौर पर अवधेश प्रसाद यहां से विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भी मिल्कीपुर में बीजेपी पिछड़ गई। इन आंकड़ों के दृष्टिगत भाजपा अपनी रणनीति को साध रही है।
वहीं सपा अपनी जीत को बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत सैफई कुनबे को उप चुनाव में उतार कर पार्टी ने मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश की है। सांसद डिंपल यादव का रोड शो व धर्मेंद्र यादव की जनसभा में सपा कार्यकर्ताओं का जोश दिखाई पड़ा।
कुंदरकी की तरह बड़ी जीत की भाजपाई रणनीति
भाजपा का लक्ष्य मिल्कीपुर में सिर्फ जीत ही नहीं है, वह कुंदरकी की तरह बड़े अंतर से उपचुनाव को जीतकर फैजाबाद सीट पर लोकसभा चुनाव में मिली हार का जवाब देना चाहती है। इस लक्ष्य के लिए ही पिछले तीन माह से सरकार व संगठन में समन्वय स्थापित कर पूरी फौज उतारी गई है।

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