कपड़े फाड़े... बाथरूम में बर्बरता के बाद उतारा मौत के घाट; अयोध्या हत्याकांड का पुलिस ने कैसे किया खुलासा?
Ayodhya Murder Case अयोध्या में युवती की हत्या में उसी के गांव के तीन लोग शामिल पाए गए हैं जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए लोगों में सहनवा निवासी हरीराम कोरी विजय साहू और दिग्विजय सिंह उर्फ दुर्विजय उर्फ बाबा है। इस घटना का मुख्य सूत्रधार दिग्वजय सिंह को बताया गया है जो एक प्राइवेट आईटीआई का चौकीदार है।

रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या। युवती को बर्बरता के साथ मौत के घाट उतारने वालों तक पहुंचना आसान नहीं था। यह घटना, जितनी वीभत्स है, उसकी जांच भी उतनी ही जटिल थी। घटनास्थल पर कहीं भी सीसीटीवी कैमरा नहीं था और न ही कोई प्रत्यक्षदर्शी। ऐसे में इस ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने में शराब की बोतल और खून के धब्बों ने पुलिस को रास्ता दिखाया। घटनास्थल पर मिली शराब की बोतल और आईटीआई के बाथरूम में खून के धब्बों ने पुलिस के संदेह की सुई गांव में ही टिकी थी।
निजी आईटीआई के आसपास दो-चार घर ही हैं, जहां गहनता से पूछताछ पुलिस कर चुकी थी, ऐसे में बाथरूम में मिले रक्त के निशान ने आईटीआई के चौकीदार दिग्विजय पर संदेह को और गहरा कर दिया। पुलिस ने घटनास्थल पर मिली शराब की बोतल के आधार पर जांच शुरू की। इस घटना से पूर्व आरोपियों ने शराब पी थी। यह शराब आशापुर स्थित ठेके से खरीदी गई थी।
पहली बार में दिग्विजय और हरीराम शराब लेने ठेके पर गए थे, जबकि दूसरी बोतल लेने विजय गया था। इसकी पुष्टि ठेके के सीसीटीवी फुटेज से भी हुई है। फुटेज ने घटना में तीनों आरोपियों की भूमिका को और स्पष्ट कर दिया। इसके बाद इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो तीनों ने हत्या करने और साक्ष्य छिपाने की बात स्वीकार की।
बाथरूम में बंद करके पीटा, हत्या के बाद फेंका शव
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अपमानित करने के लिए दिग्विजय ने युवती के कपड़े फाड़ने शुरू कर दिए। उसने इसका विरोध किया तो उसे मारा-पीटा। इसके बाद आईटीआई के बाथरूम में बंद करके पीटा, लेकिन स्थान की पहचान न हो सके इसके लिए दम तोड़ने के बाद उन्होंने उसके हाथ-पांव बांध कर उसे झाड़ी में फेंक दिया। दिग्विजय ने खून से सनी अपनी जैकेट भी जला दी थी, लेकिन शराब की बोतल और खून के धब्बों ने पुलिस को आरोपियों तक पहुंचा दिया।
एसपी सिटी मधुबन सिंह के नेतृत्व में सीओ अयोध्या आशुतोष तिवारी, कोतवाल अयोध्या मनोज शर्मा, स्वाट टीम प्रभारी अमरेश त्रिपाठी, एंटी थेप्ट सेल प्रभारी रतन शर्मा एवं चौकी प्रभारी दर्शननगर जगन्नाथमणि त्रिपाठी की संयुक्त टीम ने इस घटना की कड़ियों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अभी और राज उगलेंगे आरोपी
गिरफ्तार किए गए आरोपी अभी और राज उगलेंगे। पुलिस उन्हें रिमांड पर लेकर इस घटना से जुड़ी अधिक से अधिक जानकारियां प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। सोमवार को मीडिया के सामने घटना का अनावरण करते हुए एसएसपी ने इसका संकेत दिया।
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