अयोध्या से वाराणसी के बीच बनेगा सिक्स लेन हाई स्पीड कॉरिडोर, 5 घंटे की दूरी 2 घंटे में होगी तय
रामनगरी को एक और बड़ी उपलब्धि अयोध्या-वाराणसी हाई स्पीड एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर के रूप में मिलने वाली है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
आनंदमोहन, अयोध्या। रामनगरी को एक और बड़ी उपलब्धि अयोध्या-वाराणसी हाई स्पीड एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर के रूप में मिलने वाली है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना का डीपीआर तैयार करने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी नियुक्त करने के लिए निविदा आमंत्रित की है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अवनीश सिद्धार्थ के अनुसार अभी डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी का चयन किया जाना है। कंसल्टेंट एजेंसी को सर्वे कर डीपीआर तैयार करने में कम से कम डेढ़ वर्ष लगेंगे।बताया यह सिक्स लेन का कॉरिडोर होगा।
इसके निर्माण से अयोध्या से वाराणसी की दूरी करीब 50 किमी घट कर दो सौ किमी रह जाएगी। यह दूरी लगभग दो घंटे में तय की जा सकेगी। पहले वाराणसी से अयोध्या पहुंचने में चार से पांच घंटे लगते थे। समय की बचत होने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
नमामि गंगे (भाजपा) के जिला संयोजक बृजेश त्रिपाठी के अनुसार दो वर्ष पहले केंद्र सरकार ने ड्रोन सर्वे कराया था। मयाबाजार ब्लाक में बबुआपुर, वंदनपुर के आसपास खेतों में झंडी लगा कर सर्वे कराया गया था। इसी के आगे अंबेडकरनगर जिले में प्रवेश करेगा। बताया गया कि रामपुर हलवारा इसका जीरो प्वाइंट होगा।
दशरथ समाधि से सीधे जुड़ने से वाराणसी से सीधे अयोध्या पहुंचना आसान हो जाएगा। यह अंबेडकरनगर के आगे पूर्वांचल एवं अयोध्या में प्रयागराज- चित्रकूट से भी जुड़ेगा। काशी-अयोध्या- चित्रकूट सब एक-दूसरे से कनेक्ट होने से वाराणसी से अयोध्या एवं चित्रकूट पहुंचना आसान हो जाएगा।
कॉरिडोर तैयार होने में अभी समय लगेगा। उससे पहले 67 किमी लंबा रिंग रोड 2027 में तैयार हो जाएगा। करीब 25 सौ करोड़ की यह परियोजना अयोध्या के अलावा गोंड़ा व बस्ती जिले को जोड़ेगी। रिंग रोड तैयार हो जाने पर अयोध्या-गोंडा व बस्ती की कनेक्टिविटी भी एक-दूसरे से बेहतर हो जाएगी।

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