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    Ayodhya Ram Mandir: Ramlala के पाटोत्सव का प्रसाद 'रामलला यंत्र' पीएम मोदी को भेजा जाएगा, जानें इसकी खासियत

    Updated: Wed, 08 Jan 2025 03:16 PM (IST)

    रामलला के पाटोत्सव का प्रसाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक भेजा जाएगा। यह प्रसाद रामलला यंत्र के रूप में होगा। करोड़ों सनातनियों के कवच की तरह निर्मित रामलला का यंत्र इष्ट वास्तु ज्योतिष आदि आयामों से समन्वित है। बता दें कि नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी है। कमलनयनदास के अनुसार यह यंत्र रामलला का साक्षात आशीर्वाद है।

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    रामलला के पाटोत्सव का प्रसाद पीएम मोदी को भेजा जाएगा। (तस्वीर जागरण)

    रघुवरशरण, अयोध्या। नव्य-भव्य मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर मनाए जा रहे पाटोत्सव का प्रसाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक भेजा जाएगा। पाटोत्सव का यह प्रसाद रामलला यंत्र के रूप में होगा। प्रथम पाटोत्सव पर यह यंत्र रामलला अयोध्याजी सेवा समिति के अध्यक्ष एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के ज्योतिर्विद एवं कर्मकांडी डॉ. राजानंद शास्त्री द्वारा तैयार कराया गया है।

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    करोड़ों सनातनियों के कवच की तरह निर्मित रामलला का यंत्र इष्ट, वास्तु, ज्योतिष आदि आयामों से समन्वित है। इसका विधान सनातन शास्त्रों में वर्णित है। छह त्रिकोण और आठ पंखुड़ियों से युक्त यंत्र में चारों दिशाओं तथा कुबेर का स्थान नियत है, जबकि केंद्र में माता-सीता और श्रीराम की प्रतिष्ठा के साथ उनका बीज मंत्र अंकित है। यह यंत्र हनुमानजी से कीलित है।

    मान्यता के अनुसार, इससे इसकी शुभता और प्रभाव पर किसी अन्य यंत्र का अतिक्रमण नहीं हो सकेगा। डॉ. राजानंद के अनुसार, 14 ग्राम चांदी के फलक पर ऐसे लाखों यंत्र निर्मित किए जा चुके हैं और रामलला की स्थापना की प्रथम वर्षगांठ पर वाल्मीकि रामायण भवन के श्रीराम सत्संग भवन में 250 मर्मज्ञ आचार्य रामरक्षा स्ताेत्र के सतत पाठ से इन्हें अभिमंत्रित करेंगे।

    इन यंत्रों को कुल सवा लाख रामरक्षा स्तोत्र से अभिमंत्रित किया जाना है। यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि कौन सा यंत्र किसे प्रदान किया जाएगा और वह यंत्र उस व्यक्ति के नाम तथा गोत्र के साथ रामरक्षा स्तोत्र से अभिमंत्रित किया जाएगा। यह यंत्र उसी 22 जनवरी को रामरक्षा स्तोत्र से अभिमंत्रित किया जाएगा, जिस तारीख को गत वर्ष प्रधानमंत्री की उपस्थिति में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।

    रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास के आशीर्वाद से रामलला यंत्र को रामरक्षा स्तोत्र से अभिमंत्रित किए जाने का अनुष्ठान मणिरामदास जी की छावनी परिसर के श्रीराम सत्संग भवन में प्रस्तावित है। यह अनुष्ठान महंत नृत्यगाोपालदास के प्रधान शिष्य एवं उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास के आचार्यत्व में संपादित होगा।

    22 जनवरी को मनाई जाएगी प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ

    कमलनयनदास के अनुसार, यह यंत्र रामलला का साक्षात आशीर्वाद है और इसका उपयोग प्रत्येक सनातनी को दैनिक जीवन में करना चाहिए। लाखों की संख्या में तैयार हो रहे रामलला यंत्र किन्हें मिलेंगे, यह तो 22 जनवरी को ही ज्ञात हो सकेगा, किंतु डॉ. राजानंद शास्त्री के अनुसार राम भक्तों और राष्ट्र कल्याण की भावना से इस महनीय यंत्र को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को दिए जाने के पूर्व रामलला, हनुमानगढ़ी में विराजे बजरंगबली तथा मणिरामदास जी की छावनी के जानकीरमण भगवान को भी विशेष रूप से भेंट किया जाएगा।

    तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भारतीय पंचांग के अनुसार मना रहा प्रतिष्ठा पर्व

    नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी है। अयोध्या जी सेवा समिति सहित कुछ अन्य संंस्थाओं के लिए यह तारीख इतिहास बन गई है और वे इसी तारीख को रामलला की प्रतिष्ठा की वर्षगांठ मनाएंगे। यद्यपि राम मंदिर के निर्माण से लेकर प्रबंधन का दायित्व संभालने वाले रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भारतीय पंचांग के हिसाब से रामलला की प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ भारतीय पंचांग के हिसाब से पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाने का निर्णय किया है। यह तिथि 11 जनवरी को पड़ रही है।

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