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    राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने वालों की तैयार हो रही लिस्ट, इस समाज पर टिकी सभी की नजरें

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 04:44 PM (IST)

    अयोध्या में 25 नवंबर को मंदिरों के निर्माण की पूर्णता पर ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में वंचित वर्ग के लोगों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। दस हजार अतिथियों में ज्यादातर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग शामिल होंगे जो अवध काशी गोरक्ष ब्रज और बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों से आएंगे। यह समारोह वंचित समाज को समर्पित है।

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    सबको चौंकाएंगे ध्वजारोहण समारोह के अतिथियों के चेहरे।

    लवलेश कुमार मिश्र,अयोध्या। मंदिरों के निर्माण की पूर्णता के उपलक्ष्य में 25 नवंबर को आयोजित होने जा रहा ध्वजारोहण समारोह भी अविस्मरणीय बनेगा। इसे सर्वस्पर्शी बनाया जाएगा। इसमें ऐसे चेहरों को अतिथि बनाया जा रहा है, जो हर किसी को चौंकाएंगे। आमंत्रित किए जाने वाले दस हजार अतिथियों में अधिकांश अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से होंगे।

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    इनमें संतों के साथ प्रमुख व प्रभावी व्यक्ति सम्मिलित रहेंगे। ये संघ के पांच प्रांतों यथा अवध, काशी, गोरक्ष, ब्रज व बुंदेलखंड के विभिन्न जनपदों से होंगे। इसमें अयोध्या व अवध क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाएगी।

    सुप्रीम कोर्ट से नौ नवंबर 2019 को मंदिर निर्माण के पक्ष में निर्णय आने के बाद रामजन्मभूमि परिसर में 2020 से चल रहा राम मंदिर व पूरक मंदिरों का निर्माण अब लगभग पूर्ण होने को है। मंदिर निर्माण समिति की ओर से तय की गई समयावधि के अनुसार पत्थरों से संबंधित समस्त कार्य अक्टूबर में पूरे होने हैं।

    निर्माण की पूर्णता पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ध्वजारोहण समारोह का खाका खींचा है। यह समारोह विवाह पंचमी (राम विवाह) के दिन 25 नवंबर को प्रस्तावित है। इसी अवसर पर राम मंदिर सहित अन्य मंदिरों के शिखर पर सनातन पताका फहरायी जाएगी।

    इस आयोजन के लिए अतिथियों की सूची बनाई जा रही है। गत दिनों तीर्थ क्षेत्र भवन में हुई तैयारी बैठक में अतिथियों के नामों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में रहे संघ के एक पदाधिकारी ने कहाकि प्राण प्रतिष्ठा समारोह से समाज का वंचित व गरीब वर्ग नहीं जुड़ सका था।

    अधिकांश लोगों ने टेलीविजन व अन्य माध्यमों से अपने आराध्य के विग्रह को प्रतिष्ठित होते देखा था। ध्वजारोहण समारोह पूर्णरूपेण वंचित समाज को समर्पित रहेगा। इसमें अवध, काशी, गोरक्ष, ब्रज व बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों से वंचित वर्ग के संतों, प्रमुख व प्रभावी लोगों को बुलाया जा रहा है, जिनकी उपस्थिति समाज को एक अलग संदेश देगी।

    उत्तर प्रदेश के लगभग पांच दर्जन जिलों से आने वाले अतिथियों में अधिकांश अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग से होंगे।

    आदिवासी समुदाय की विभिन्न जातियों जैसे थारू, गोंड, खरवार, धुरिया, कोल, भुइंया, सहरिया, चेरो आदि अतिथि बनेंगे तो अनुसूचित व पिछड़ा वर्ग की बढ़ई, लोहार, कुम्हार, धोबी, भुजवा, निषाद, खटिक आदि जातियों के लोग भी आमंत्रित होंगे।

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