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    Ram Mandir News: प्रायश्चित कर्म पूजा के साथ द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा का त्रिदिवसीय अनुष्ठान आरंभ, सरयू जल कलश यात्रा निकली

    Updated: Tue, 03 Jun 2025 08:06 AM (IST)

    अयोध्या में राम मंदिर के आठ पूरक मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो गया है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल कुमार मिश्र मुख्य यजमान रहे। 351 महिलाओं ने सरयू नदी से जल भरकर कलश यात्रा निकाली। यजमानों ने शुद्धिकरण किया और प्रायश्चित कर्म किए। वाराणसी के आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी की देखरेख में पूजन हुआ जिसमें कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

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    सरयू तट से कलश में जल लेकर राममंदिर की ओर आगे बढ़ती महिलाओं पर होती पुष्पवर्षा: जागरण

    रमाशरण अवस्थी, अयोध्या। राम दरबार सहित आठ पूरक मंदिरों की सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सोमवार को प्रायश्चित कर्म पूजा के साथ प्रारंभ हो गया। अपराह्न राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने मुख्य यजमान के रूप में प्रायश्चित कर्म कर पूजन किया। 

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    इसके पश्चात रामजन्मभूमि परिसर से साढ़े चार बजे सरयू जल कलश यात्रा निकली। इसमें सम्मिलित 351 महिलाओं ने पावन सलिला सरयू से कलश में जल भरा और मुख्य यजमान के नेतृत्व में सरयू पूजन के बाद सभी महिलाएं 51 आचार्यों के मंत्रोच्चार व घंटे-घड़ियाल की ध्वनि के बीच रामनगरी के विभिन्न स्थानों से होते हुए वापस यज्ञ मंडप तक पहुंचीं।

    इससे पूर्व राम दरबार सहित कुल आठ मंदिरों में देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्य यजमान के साथ सभी यजमान वैदिक रीति के अनुसार अपराह्न तीन बजे शुद्ध हुए। इसमें मुख्य यजमान डॉ. अनिल कुमार मिश्र व उनकी पत्नी ऊषा मिश्र सहित अन्य मंदिरों के लिए तय यजमानों ने हिस्सा लिया। 

    सभी को यज्ञ मंडप के सामने स्थित सभागार में आचार्यों ने विधानपूर्वक प्रायश्चित कराया। सबसे पहले यजमानों ने संकल्प किया, फिर दस विधियों से स्नान किया, जैसे गाय के गोबर, मूत्र, घी, पंचगव्य, दूध, दही, औषधि, कुशा जल व शुद्ध स्नान आदि। यजमान का छौर कर्म हुआ, बाल व नाखून काटे गए। यजमानों ने पितृ तर्पण किया। 

    साथ ही यज्ञ में आहुतियां डालीं। पंचगव्य से भी हवन हुआ। पंचगव्य को विधिपूर्वक यजमानों ने ग्रहण किया। गोदान किया और फिर पुन: घी की आहुति डाली। अंत में दस वस्तुओं का क्रम भी पूरा कराया गया। 

    प्रायश्चित कर्म के बाद ही पूरक मंदिरों की देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सभी यजमान अर्ह हुए। यह पूजन वाराणसी से आए मुख्य यज्ञाचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी की देखरेख में संपन्न हुआ। 

    इस अवसर पर प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले द्रष्टा ज्योतिषाचार्य पंडित प्रवीण शर्मा, आचार्य इंद्रदेव, दुर्गा सहित अन्य आचार्य उपस्थित रहे। इसके बाद मुख्य यजमान ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र सहित सभी सरयू तट को रवाना हुए। सभी ने मां सरयू का पूजन किया। 

    इसके बाद यहां से कलश लेकर मंदिर परिसर की ओर रवाना हुए। यजमान अब तीन दिनों तक अपने घर नहीं जाएंगे। वह परिसर में ट्रस्ट से जुड़े भवनों में निवास करेंगे। सरयू तट पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सदस्य जगदगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि, उडुप्पी के पीठाधीश्वर माधवाचार्य प्रसन्नतीर्थ, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी सहित अन्य विशिष्टजन मौजूद रहे।

    ये लोग बने यजमान

    मुख्य यजमान के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघ चालक कृष्ण मोहन, विभाग सह संघचालक मुकेश तोलानी, विहिप नेता धीरेश्वर शर्मा, अतुल कुमार सिंह, सरदार अमरजीत सिंह, दीपक जायसवाल, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, नरेश भाई तिंदवाड़ा, आशीष अग्रवाल, एलएंडटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता, टाटा कंसल्टेंसी के परियोजना निदेशक वीके शुक्ल व अधिवक्ता मदन मोहन पांडेय यजमान के रूप में शामिल हुए।

    संध्याकाल में निकली कलश यात्रा ने सभी को किया मंत्रमुग्ध

    प्रायश्चित कर्म पूजा के पश्चात अपराह्न में रामजन्मभूमि परिसर से साढ़े चार बजे सरयू जल भरने के लिए कलश यात्रा निकली। इस यात्रा में कुल 351 स्थानीय महिलाएं शामिल हुईं। 

    इनके साथ 51 आचार्यों ने भी मुख्य यजमान के नेतृत्व में सरयू तट के लिए प्रस्थान किया। पुराने पुल के समीप पूर्वी तट पर सरयू नदी के पूजन के पश्चात महिलाओं ने अपने-अपने कलश में सरयू जल भरा। इस दौरान आचार्य मंत्रोच्चार कर रहे थे। 

    सरयू पूजन ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, गोविंददेव गिरि व माध्वाचार्य प्रसन्नतीर्थ ने संपन्न कराया। यहां से यात्रा रवाना हुई तो लता मंगेशकर चौक, रामपथ, श्रृंगारहाट, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, रामकोट व रंगमहल बैरियर होते हुए रामजन्मभूमि परिसर में पहुंची। 

    इस यात्रा के संयोजक डॉ. चंद्रगोपाल पांडेय ने बताया कि सरयू जल से भरे सभी कलश यज्ञशाला में रखे गए। तत्पश्चात यात्रा में शामिल सभी महिलाओं व उनके स्वजनों को रामलला का दर्शन कराया गया और ट्रस्ट की ओर से सभी को विशेष प्रसाद भेंट किया गया।