अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की लोक आयुक्त ने दिया जांच का आदेश, अधीक्षक समेत कई पर गंभीर आरोप
अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ लोकायुक्त ने जांच का आदेश दिया है। यह आदेश अधीक्षक समेत कई लोगों पर लगे गंभीर आरोपों के बाद दिया गया है। भ् ...और पढ़ें
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मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की लोक आयुक्त ने दिया जांच का आदेश।
प्रमोद दुबे, अयोध्या। राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की जांच लोक आयुक्त कराएगा। यह जांच कुछ माह पहले संदिग्ध परिस्थितियों में एमबीबीएस छात्र सागर की हुई मौत के बाद पिता की तरफ से की गई शिकायत पर किया जाएगा। जौनपुर निवासी समर बहादुर पटेल ने शिकायत में कॉलेज के प्राचार्य, अधीक्षक और अन्य पर भ्रष्टाचार के साथ पुत्र की हत्या तक का आराेप लगाया है।
जिसमें लोक आयुक्त की तरफ से सचिव रीमा बंसल ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र भेजकर जांच कराने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने के लिए पत्र भेजा है। इसकी सूचना शिकायत कर्ता को भी पत्र भेजकर दी गई है।
मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे जौनपुर जिले के निकामुद्दीनपुर मछली शहर निवासी सागर पटेल की छात्रावास के कमरे में 22 अगस्त 2025 को संदिग्ध मौत हो गई थी।
इसका आराेप सागर के पिता समर बहादुर ने प्राचार्य डा. सत्यजीत वर्मा, डॉ. मनीष वर्मा, प्रो. डॉ. देवाजीत शर्मा के अलावा दो वार्डन ब्वाय और दो अज्ञात के साथ घटना के कुछ दिन पहले विवाद होने से प्रताड़ित करने व हत्या करने का आरोप लगाकर पुलिस से लेकर शासन तक कार्रवाई की मांग की।
लेकिन सुनवाई न होने पर समर बहादुर ने 293 पेज की शिकायत, जिसमें हत्या भ्रष्टाचार, सरकारी मशीनों को बंद कर निजी को संचालित करने सहित कई गंभीर आराेप लगाते हुए लोक आयुक्त से शिकायत दर्ज कराई है। उन्हाेंने जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।
अब लोक आयुक्त की सचिव रीमा बंसल ने प्रमुख सचिव को पत्र भेज कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों की त्रिस्तरीय समिति गठित शिकायत कर्ता की तरफ लगाए गये आराेप खास कर मेडिकल कॉलेज में की गई खरीद फरोख्त और वित्तीय अनियमितता, छात्रोंं के उत्पीड़न और शिकायत कर्ता के पुत्र के मृत्यु की कथित परिस्थितियां, डायग्नोस्टिक विभाग में अवैध स्टाफ से परीक्षण कराए जाने का आरापे, कॉलेज प्रशासन की तरफ से सरकारी शक्तियों का दुरुपयोग करना मुख्य बिंदु बताया गया है।
इसके अलावा जांच समिति को शिकायत कर्ता को भी अपना बयान एवं साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए अवसर प्रदान करना जरूरी बताया गया है। इसकी जांच आख्या 15 जनवरी तक लोक आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।

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