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    अखिलेश की संगम में 'डुबकी' पर गरमाई सियासत, पूर्व मुख्यमंत्री बोले- उपचुनाव की वजह से सपा प्रमुख गए महाकुंभ

    Milkipur By Election अखिलेश यादव के संगम में डुबकी लगाने से सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अखिलेश यादव ने कुंभ में यूं ही डुबकी नहीं लगाई बल्कि मिल्कीपुर चुनाव को देखते हुए डुबकी लगाई है। उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर की जनता सपा के परिवारवाद को ऐसा उत्तर देगी कि उनकी जमानत जब्त हो जाए।

    By Navneet Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 30 Jan 2025 03:29 PM (IST)
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    संगम में स्नान करते सपा प्रमुख अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। बिरौलीझाम गांव में आयोजित सभा में पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहाकि सरकार सब देती है, लेकिन जब तक जनप्रतिनिधि ही नहीं चाहता, तब तक विकास नहीं हो सकता।

    सपा मुखिया पर तंज करते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने कुंभ में यूं ही डुबकी नहीं लगाई, मिल्कीपुर चुनाव को देखते हुए डुबकी लगाई है। ये बदलता हुआ भारत है। सपा ने अयोध्या को रक्त रंजित किया है। उन्होंने कहाकि डबल इंजन की सरकार मिल्कीपुर के विकास में कोई कमी नहीं करेगी। उन्होंने कहाकि मिल्कीपुर की जनता सपा के परिवारवाद को ऐसा उत्तर देगी कि उनकी जमानत जब्त हो जाए। मिल्कीपुर चुनाव अयोध्या की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है।

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    उन्होंने आह्वान किया कि मिल्कीपुर में भाजपा को जीत दिला कर यह सीट प्रभु राम के चरणों में अर्पित करें। विपक्ष तुष्टीकरण का प्रणेता है। हिंदू त्योहारों में पत्थरबाजी होती थी। संभल में सपा के लोग पत्थरबाजों से मिलने गये थे। उनसे सहानुभूति जताते हैं।

    उन्होंने कहाकि पांच फरवरी को मिल्कीपुर में चुनावी यज्ञ है। यज्ञ में आहुति तीन अंगुलियों से डाली जाती है, लेकिन इस यज्ञ में एक उंगली से कमल के फूल के सामने का बटन दबाकर आहुति देनी है। कार्यक्रम का संचालन परशुराम पांडेय ने किया। सभा में जिला पंचायत सदस्य अंकित पांडे, ग्राम प्रधान साधना तिवारी, राम उजागिर तिवारी, संत शरण मिश्र, भोला पाठक, शिव प्रसाद तिवारी आदि उपस्थित रहे।

    कुंभ में डुबकी के बाद अखिलेश कर सकते हैं रामलला का दर्शन

    समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की हिंदुत्व की पिच पर खेलने का मन बना लिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद पार्टी की पुण्य की कामना अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन कराने तक पहुंच गई है। पार्टी के अंदरखाने चुनावी प्रबंधन से जुड़ी कोर कमेटी ऐसा चाहती है। पार्टी में अन्य किसी नेता को इसकी भनक तक नहीं है।

    यही वजह है कि इसकी पुष्टि तो दूर नाम तक कोर कमेटी के नेता लेने को तैयार नहीं। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों पर विश्वास करें तो रामलला का दर्शन कराने की तैयारी तीन फरवरी को इनायतनगर में होने वाली उनकी जनसभा से पहले की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष से मंत्रणा शुरू है। प्रस्ताव पर अंतिम मोहर अखिलेश को ही लगानी है। उनकी सहमति के बाद पार्टी इसे अंतिम रूप देगी। पार्टी में उच्चस्तर पर यह खिचड़ी पकायी जा रही है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट का चुनाव प्रचार फाइल राउंड में पंहुच गया है।

    गुरुवार को सांसद डिंपल यादव के रोड शो के बाद चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तीन फरवरी को इनायतनगर के पांच नंबर ट़यूबवेल पर अखिलेश यादव की जनसभा है। चुनावी प्रबंधन से जुड़े नेता की मानें तो यह भाजपा के रामलला के दर्शन को लेकर उन्हें घेरने का जवाब होगा। पार्टी का भी मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो भाजपा के हिंदुत्व कार्ड की धार को कुंद किया जा सकेगा। दरअसल, सपा व भाजपा दोनों ने उप चुनाव को अखिलेश बनाम योगी बना दिया है।

    राष्ट्रीय अध्यक्ष को रामलला के दर्शन का प्रस्ताव भेजा गया है। पार्टी इसे उप चुनाव के लिए तुरुप का पत्ता मान रही है। दरअसल, भाजपा मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उप चुनाव हरहाल में जीत कर वह देश भर में संदेश देना चाहती है कि अयोध्या उसी की है। 2024 के लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद की जीत 'एक्सीडेंटल' है। अयोध्या उसी की पहले भी थी और आगे भी रहेगी।

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