Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जंगल से भागकर कोतवाली में घुस गया सांभर, आबादी में हिरण देख हुई हैरानी… वन विभाग ने बताई चौंकाने वाली बात!

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 11:28 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के अमरोहा में कोहरा और भीषण ठंड के कारण जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। अत्यधिक ठंड से बचने के लिए जानवर गांवों और ...और पढ़ें

    Hero Image

    जंगल में वन विभाग की टीम द्वारा छोड़ने से पहले खड़ा सांभर। सौ. से वन विभाग

    जागरण संवाददाता, अमरोहा। भीषण ठंड से इंसान ही नहीं पशु पक्षी और जंगली जानवर भी परेशान हैं। गंगा के खादर के तराई क्षेत्र के में भीषण ठंड और कोहरे में जंगली जानवर परेशान हैं। सर्दी से बचने के लिए जंगली जानवर आबादी की ओर बढ़ रहे हैं। परंतु, कहीं पर भी ठंड से राहत नहीं मिल रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हसनपुर तहसील क्षेत्र में करीब 45 किलोमीटर एरिया में मां गंगा बह रही है। गंगा के किनारे का खादर क्षेत्र नीलगाय, हिरण, सांभर, तेंदुआ, लकड़बग्घा, भेड़िया आदि जंगली जानवरों के लिए शरणस्थली से कम नहीं है, क्योंकि यहां गंगा के तराई के क्षेत्र में जानवरों के रहने के लिए पर्याप्त झुंड झाड़ और गन्ने के खेत हैं, लेकिन वर्तमान समय में भीषण ठंड और कोहरा पड़ने की वजह से जंगली जानवर जंगल से निकलकर आबादी की तरफ बढ़ रहे हैं।

    जंगली जानवरों के आबादी की तरफ बढ़ने की दूसरी वजह गन्ने की फसल कटना भी माना जा रहा है, क्योंकि गन्ने के खेतों में जहां पर जानवरों के रहने का ठिकाना था वहां से गन्ना कट जाने की वजह से उन्हें दूसरा ठिकाना नहीं मिल रहा है। ठिकाने की तलाश में जानवर इधर-उधर भटक रहे हैं।

    यही वजह है कि पिछले कुछ समय से खादर क्षेत्र के देहरी गुर्जर, मुबारिजपुर, सिलारा, सिरसा गुर्जर, विरामपुर, शहवाजपुर गुर्जर, नानई, महरपुर, करनपुर खादर आदि गांवों में जंगली जानवर दिखाई दे रहे हैं।

    कोतवाली में घुसा था सांभर प्रजाति का हिरण

    वहीं, बुधवार सुबह जंगल से निकलकर एक सांभर प्रजाति की हिरण हसनपुर में घुस आया था। सांभर दौड़ता हुआ कोतवाली में पहुंच गया था। जहां से उसे वन विभाग की टीम ने पकड़कर देहरी गुर्जर के सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया था।

    कुछ समय पूर्व गंगा किनारे के गांव महरपुर में गांव के नजदीक फसल की सिंचाई करते समय किसान ओमपाल सिंह को तेंदुआ गांव की ओर आता दिखाई दिया था।

    उन्होंने अपना बचाव करते हुए तेंदुआ के मुंह पर टार्च की लाइट लगा दी थी, लाइट की चकाचौंध में तेंदुआ पीछे हटते हुए कुएं में गिर गया था। पीलीभीत से आई एक्सपर्ट की टीम ने रेस्क्यू करके तेंदुआ को कुएं से बाहर निकाल कर पीलीभीत रिजर्व क्षेत्र में ले जाकर छोड़ा था।


    ग्रामीण भयभीत, जंगल में किसानों को खतरा

    कीकर वन क्षेत्र और गंगा के बीहड़ से निकलकर जंगली जानवरों के आबादी की ओर बढ़ने से जहां ग्रामीण क्षेत्र के लोग भयभीत हो रहे हैं। वहीं, रात दिन खेतों पर रहकर फसलों की रखवाली करने वाले किसानों को भी तेंदुआ, लकड़बग्घा एवं भेड़िया जैसे मांसाहारी जानवरों से खतरा बना हुआ है।

    दो वर्ष पहले क्षेत्र के लालापुर गांव में घुसे तेंदुआ ने पांच लोगों पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिनमें से इलाज के दौरान एक ग्रामीण की मृत्यु हो गई थी। उधर मुबारिजपुर गांव में फसल की नराई करते हुए पांच किसानों पर तेंदुआ ने हमला कर घायल कर दिया था।