यहां तो अंग्रेजी जमाने की तर्ज पर दौड़ती हैं ट्रेन
सन् 1947 में देश आजाद हो गया, लेकिन गजरौला-नजीबाबाद रेलवे लाइन पर आज भी अंग्रेजों के दौर की तर्ज पर ही ट्रेनों का संचालन होता है। गजरौला से नजीबाबाद तक के बीच स्थित छह रेलवे स्टेशनों पर अंग्रेजी दौर के ही उपकरण लगे हैं। इनके माध्यम से ही अभी तक ट्रेनें दौड़ रहीं हैं। स्थानीय रेलवे स्टेशन आजादी के समय से पूर्व का है। उस समय ट्रेनों का संचालन नील्स बॉल्स स्टूमेंट (अंग्रेजी जमाने का उपकरण)के माध्यम से हुआ करता था। इस उपकरण से निकलने वाली लोहे की बाल्स (गेंद) ट्रेन के चालक को दी जाती थी। वो चालक उस गेंद को अगले स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर को देता था।
गजरौला : सन् 1947 में देश आजाद हो गया लेकिन गजरौला-नजीबाबाद रेलवे लाइन पर आज भी अंग्रेजों के दौर की तर्ज पर ही ट्रेन संचालन होता है। गजरौला से नजीबाबाद के बीच स्थित छह स्टेशनों पर अंग्रेजी दौर के ही उपकरण लगे हैं। इनके माध्यम से अभी तक ट्रेन दौड़ रहीं हैं।
स्थानीय रेलवे स्टेशन आजादी से पूर्व का है। उस समय ट्रेनों का संचालन नील्स बॉल्स स्टूमेंट के माध्यम से हुआ करता था। इस उपकरण से निकलने वाली लोहे की बॉल (गेंद) ट्रेन चालक को दी जाती थी। चालक उस गेंद को अगले स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर को देता था। इसके बाद आगे जाने का सिग्नल क्लियर होता था।
देश आजाद हो गया लेकिन अंग्रेजों की कुछ तकनीकि आज भी कायम है। इसका उदाहरण गजरौला से नजीबाबाद रेलवे लाइन पर आज भी उसी स्टाइल में ट्रेनों का संचालन होना है। गजरौला, मंडी धनौरा, चांदपुर,हल्दौर, बिजनौर व बसीकरतपुर रेलवे स्टेशनों पर अंग्रेजी जमाने के उपकरण लगे हुए हैं। इन उपकरणों से हरी झंडी मिलने के बाद लाइन क्लियर होती है। उपकरण बदलने के लिए रेलवे ने बनाया प्लान
गजरौला : गजरौला से शुरू होने वाली नजीबाबाद रेलवे लाइन पर मंडीधनौरा, चांदपुर, हल्दौर, बिजनौर व बसीकरतपुर कुल छह रेलवे स्टेशनों पर अंग्रेजी जमाने के उपकरण नील्स बॉल्स स्टूमेंट लगे हुए हैं। गजरौला व बसीकरतपुर में एक-एक हैं और बाकी स्टेशनों पर दो-दो हैं। चूंकि एक ट्रेन के आने का है और एक जाने का। इस रेलवे लाइन पर इसे अभी तक नहीं बदला गया है। रेलवे इन उपकरणों को हटाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए प्लान बनाया जा रहा है। स्टेशन अधीक्षक देवेंद्र ¨सह ने बताया जीएम ने अपने निरीक्षण के दौरान इन इंस्ट्रूमेंट को बदलवाने के लिए नोट किया था। डीएमआर द्वारा इन्हें बदलवाने का कार्य जल्द किया जाएगा। इसका सर्वे किया जा चुका है।
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