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    13 साल की मनोरोगी बनी मां! एक साल की गुमशुदगी के बाद ATM कार्ड ने खोला राज

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 04:28 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक 13 साल की मनोरोगी मां की गुमशुदगी का मामला सामने आया है। एक साल पहले लापता हुई इस लड़की का सुराग उसके एटीएम कार्ड से मिल ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    आसिफ अली, जागरण, अमरोहा। 13 साल की मनोरोगी अक्सर घर से निकल जाती थी। स्वजन तलाश कर घर ले आते थे या गांव के लोग उसे बाहर से घर छोड़ जाते थे। कई बार वह खुद भी घर लौट आती थी। परंतु 12 अप्रैल 2024 को वह घर से निकली तो वापस नहीं लौटी। स्वजन ने काफी तलाश किया था। थक हार कर 16 अप्रैल 2024 को पिता ने गुमशुदगी दर्ज करा दी थी।

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    बेटी के घर लौटने की उम्मीद बिल्कुल छोड़ चुके थे। एक साल बाद डाकिया एटीएम कार्ड के रूप में बेटी का पता लेकर आया। बेटी सहारनपुर के गांव तीतरो में थी तथा उसकी शादी हो चुकी थी। अब यह नाबालिग मनोरोगी बेटी मां बन चुकी है, जबकि उसका पति दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद है।

    दरअसल इस नाबालिग मां की कहानी उसके मां-पिता की हिम्मत व संघर्ष की है। साथ में मनोरोगी बेटी भी किस्मत की मार के थपेड़े झेल रही है। दरअसल 13 वर्षीय मनोरोगी बेटी डिडौली कोतवाली क्षेत्र में हाईवे से सटे गांव की रहने वाली है। 12 अप्रैल 2024 को वह घर से निकली तो जोया होते हुए अमरोहा पहुंची तथा वहां रेलवे स्टेशन से दिल्ली की ट्रेन में किसी ने बैठा दिया।

    दो दिन दिन तक दिल्ली में रेलवे स्टेशन पर भटकती रही। उसे दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सहारनपुर जनपद के थाना तीतरो के गांव पूजना निवासी काले उर्फ कुंवरपाल अपने साथ घर ले गया। घर में कुंवरपाल सिंह व उसके पिता ही रहते हैं। काले उर्फ कुंवरपाल दिल्ली में मजदूरी करता था। घर ले जाकर स्वजन व ग्रामीणो ने नबालिग से उसकी शादी करा दी।

    दोनों पति-पत्नी के रूप में रहने लगे। इस कहानी में अहम मोड़ उस समय आया जब काले उर्फ कुंवरपाल सिंह नाबालिग पत्नी का खाता खुलवाने बैंक लेकर गया। वहां आधार कार्ड के लिए नाबालिग के फिंगर प्रिंट लिए तो पिता व गांव का पता सामने आ गया। बैंक खाता के लिए आवेदन पर कुंवरपाल पत्नी को लेकर घर लौट गया।

    परंतु बैंक द्वारा तैयार किया गया नाबालिग का एटीएम कार्ड आधार कार्ड के पते के मुताबिक यहां उसके पिता के पास भेज दिया। 15 अप्रैल 2025 को डाकिया एटीएम कार्ड लेकर पहुंचा तो नाबालिग के पिता के होश उड़ गए। उसने फौरन डिडौली पुलिस से संपर्क किया। चूंकि मामला नाबालिग मनोरोगी के लापता होने का था।

    लिहाजा डिडौली पुलिस सहारनपुर पहुंची तथा बैंक अधिकारियों से संपर्क कर गांव पूजना जाकर नाबालिग को बरामद कर लिया। डिडौली लाकर पिता की तहरीर पर पति काले उर्फ कुंवरपाल के विरुद्ध दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट की प्राथमिकी दर्ज कर ली। चौंकाने वाली बात उस समय सामने आई जब नाबालिग का मेडिकल परीक्षण हुआ। वह दो महीना की गर्भवती थी।

    बाद में पुलिस ने आरोपित पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। फिलहाल उसे जमानत नहीं मिल सकी है। मनोरोगी नाबालिग के माता-पिता ने लोक-लाज के कारण हालांकि गांव छोड़ दिया तथा हरियाणा के हिसार में जाकर मजदूरी करने लगे, लेकिन उन्होंने बेटी का गर्भपात नहीं कराया।उसकी सही परवरिश की। अब नवंबर में नाबालिग मां ने हिसार में बेटी का जन्म दिया है। फिलहाल दोनों ठीक हैं।

    चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है पुलिस

    नाबालिग मां के प्रकरण में डिडौली पुलिस दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के तहत विवेचना पूरी कर अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। डिडौली प्रभारी निरीक्षक हरीशवर्धन सिंह ने बताया कि पीडिता द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामला संज्ञान में नहीं है। पुलिस विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

    पूर्व में भी हुई थी एक और घटना

    डिडौली कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में पूर्व में भी एक ऐसी ही घटना हुई थी। यहां रहने वाले किसान की नाबालिग बेटी के साथ गांव के चार युवकों ने दुष्कर्म किया था। उसके गर्भवती होने पर घटना का राजफाश हुआ था। चारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। डीएनए टेस्ट के बाद गर्भ में पल रहे बच्चे के पिता का पता चला था। परंतु नाबालिग ने बाद में जिला अस्पताल में मृतक बच्ची को जन्म दिया था। फिलहाल यह मामला अदालत में विचाराधीन है।

     

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