हसनपुर में गंगा किनारे सरकारी भूमि पर कब्जा कर उगाई जा रहीं फसलें, प्रशासन की नाकामी उजागर
हसनपुर तहसील में गंगा की रेती पर दबंग किसानों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर फसलें उगा रखी हैं। प्रशासन की अनदेखी और सफेदपोशों के संरक्षण से यह अवैध खेती लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2019 में फसलें नीलाम होने के बाद भी कार्रवाई ठप है, जिससे सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है।
-1763135630001.webp)
हसनपुर में गंगा किनारे की जा रही खेती
संस, जागरण, हसनपुर। तहसील क्षेत्र में मां गंगा की हजारों बीघा रेती की भूमि पर अवैध कब्जा करके दबंग किसान फसलें उगा रहे हैं लेकिन, जिम्मेदारों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। रबी की फसल की बोआई के समय रेती की भूमि पर अवैध कब्जा करने को लेकर किसानों में तनानती का माहौल रहता है। कई बार बंदूकें भी गरज चुकी हैं।
हसनपुर तहसील क्षेत्र में मोहम्मदाबाद से लेकर हरिबाबा धाम तक करीब 45 किमी लंबे एरिया में मां गंगा बह रही है। बरसात के दिनों में गंगा तटबंध तक आ जाती है और बरसात के बाद मां गंगा अपनी रेती छोड़ देती है। हसनपुर तहसील क्षेत्र में करीब तीन हजार बीघा गंगा की रेती की भूमि पर गंगा तटबंध किनारे के गांवों के किसान अवैध कब्जा करके फसलें उगा रहे हैं।
खास बात यह है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा रोकने के लिए प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। इसकी एक वजह यह भी है कि अवैध कब्जेदारों को सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त है। प्रशासन की तरफ से कार्रवाई करने को कोई कदम भी उठाया जाता है तो सफेदपोश आड़े आ जाते हैं।
इसकी वजह से सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वर्तमान समय में मां गंगा ने रेती की भूमि को छोड़ दिया है जिसमें पालेज तथा गेहूं की बोआई करने के लिए किसान अवैध कब्जे कर रहे हैं। हालात यह हैं कि जिसकी लाठी में जितना दम होता है वह उतनी की भूमि पर कब्जा कर लेते हैं।
गत वर्ष प्रधान पति के मार दी गई थी गोली
रेती की भूमि के विवाद की रंजिश में गत वर्ष हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव सिरसा गुर्जर में प्रधान राजेश्वरी देवी के पति वृहम सिंह के गोली मार दी गई थी। जिसमें पति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पति का इलाज कराने में प्रधान का घर तक बिक गया है और दबंगों के डर की वजह से प्रधान अपने परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई हैं। प्रधान अपने परिवार के साथ गजरौला में रह रहीं हैं। प्रधान पति गजरौला की एक फैक्ट्री में मजदूरी करने को विवश है। वहीं, प्रधान के गांव में न रहने की वजह से गांव की जनता प्रधान की मोहर लगवाने तक को परेशान रहती है।
वर्ष 2019 में नीलाम कर दी गई थी फसलें
गंगा की रेती की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके उगाई गई गन्ने की फसलों को वर्ष 2019 में तहसील प्रशासन ने नीलाम कर दिया था। अकेले बिहारीपुर के जंगल की फसलों को बीस लाख से अधिक में नीलाम किया गया था। लेकिन, राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते उसके बाद प्रशासन अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सका।
सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके खेती करने की इजाजत किसी को नहीं है। जहां पर भी अवैध कब्जा करने की शिकायत मिलती है तत्काल कार्रवाई कराई जाती है। गंगा क्षेत्र की रेती की भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों पर प्रशासन की नजर है। अवैध कब्जेदारों को बख्शा नहीं जाएगा।
- पुष्कर नाथ चौधरी, एसडीएम हसनपुर।
यह भी पढ़ें- यूपी के इस जिले में 30 बीघा जमीन पर हो रही थी चोरी-छिपे प्लॉटिंग, अधिकारियों ने देखते ही चलवा दिया बुलडोजर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।