अमरोहा में फिर उफाई गंगा, नदी किनारे के गांवों में ध्वस्त होकर गिर रही खेतों की मिट्टी; तिगरीधाम में परेशानी
गजरौला के तिगरी में गंगा का जलस्तर फिर बढ़ गया है क्योंकि बिजनौर बैराज से 27 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। जलस्तर में वृद्धि के कारण गंगा किनारे के खेतों में कटान शुरू हो गया है जिससे किसान परेशान हैं। गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव की वजह से कई गांवों के खेतों की मिट्टी कटान की चपेट में आ रही है।

जागरण संवाददाता, गजरौला। एक बार फिर तिगरी स्थित गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। बिजनौर बैराज से 27 हजार क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज किया गया है। जिसके बाद गंगा के जलस्तर में 20 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। बुधवार को गंगा का गेज 199.80 मीटर से 200.00 मीटर पर पहुंच गया है। इसके साथ गंगा का दायरा बढ़ने से कटान की स्थिति बन गई है। गंगा किनारे के खेत कटान की वजह से धड़ाम करते हुए ध्वस्त हो रहे हैं। इससे किसान परेशान होने लगे हैं।
तिगरी की गंगा में हरिद्वार और बिजनौर बैराज से छोड़ा गया पानी पहुंचता है। पिछले कुछ दिनों से जलस्तर में बढ़ोतरी और कम होने का सिलसिला चल रहा है।मंगलवार को जलस्तर कम हुआ था लेकिन, बुधवार को बढ़ गया। पानी से अभी ज्यादा दिक्कत नहीं हैं लेकिन, कटान की समस्या उत्पन्न हो लगी है।
पानी में उतार-चढ़ाव होने की वजह से गंगा किनारे पर बसे गांव मंदिर वाली भुड्डी, शीशो वाली, दारानगर, अलीनगर, चकनवाला ऐतवाली, सुल्तानपुर, ओसिता जगदेपुर, कांकाठेर, तिगरी, रसूलपुर भंवर, रसूलपुर एहतमाली, देवीपुर उर्फ मोहसनपुर, पपसरी खादर, मुकरामपुर, शाहजहांपुर छात, रमपुर खादर, चांदरा फॉर्म, रानी बसतौरा, बिसाबली, कुई वाली, देव वाली, पट्टी खादर, झुंडपुरा व हसनपुर तहसील के गांव सिरसा गुर्जर की मढैया, सतैडा की मढैया, गंगानगर, पौरारा, दियावली आदि गांव के खेतों की मिट्टी कटान की चपेट में आ रही है। इसलिए खेतों की मिट्टी गंगा में बह रही है।
तिगरी गांव के पुरोहित गंगासरन शर्मा ने बताया कि घाट काफी कट रहे हैं। जबकि झोपड़ियां तो पहले ही हटा ली गई थीं। गांव दारानगर के मंगत सिंह का कहना है कि गंगा में जलस्तर बढ़ने और उतरने की वजह से खेत कट रहे हैं। उधर, गांव दारानगर के सामने पैंटून पुल हटाने के बाद ग्रामीण नाव के जरिए शहर की तरफ आवागमन कर रहे हैं। ओसीता जगदेपुर में गंगा का पानी खेतों में पूरी तरह से भर गया है। जिसकी वजह से पशुओं के लिए चारा लाने वाले ग्रामीण भी भैंसा बुग्गी पर सवार होकर पानी के बीच से गुजर रहे हैं।
बिजनौर बैराज से छोड़ा गया पानी तिगरी तक पहुंचने में लगभग सात से आठ घंटे लेता है। इसलिए यहां पर गेज बढ़ता-गिरता है।बुधवार को बिजनौर बैराज से तिगरी की गंगा में 27 हजार क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज किया गया है। अब गंगा के गेज में 20 सेमी की बढ़ोतरी हुई है।- सुभाष कुमार, जेई, बाढ़ खंड विभाग, अमरोहा।
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