अमरोहा में तत्कालीन DIOS सहित 11 पर धोखाधड़ी का केस दर्ज, फर्जी तरीके से खोला मदरसा और मानदेय निकालने का आरोप
Amroha Crime News In Hindi तत्कालीन डीआईओएस दो अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व बैंक प्रबंधक समेत 11 पर धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज हुई है। आरोप है कि फर्जी तरीके से मदरसा खोला गया और नौकरी का झांसा देकर पैसे लिए गए।

अमरोहा, जागरण टीम। फर्जी तरीके से मदरसा खोलने, नौकरी का झांसा देकर पैसे लेने तथा मदरसा में तैनाती दिखा कर मानदेय निकालने के आरोप में 11 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। डीआईजी के आदेश पर दर्ज हुई इस प्राथमिकी में अमरोहा जनपद के तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक, दो अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व एक बैंक के शाखा प्रबंधक भी आरोपित हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
ये था मामला
नगर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला घेर पछैया में सिकंदर अली का परिवार रहता है। उनका आरोप है कि मुहल्ले में रहने वाली सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य शहाना बेगम अपने स्वजन के साथ मिलकर कई एनजीओ चलाती हैं। जिसके माध्यम से उन्होंने दो इंटर कालेज, कई मदरसा व कान्वेंट स्कूल संचालित कर रखे हैं। आरोप है कि शहाना बेगम व उनके परिवार के लोग शिक्षित बेरोजगार लोगों को मदरसों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसे ऐंठते हैं।
डीआईजी को दिया प्रार्थना पत्र
सिंकदर ने डीआईजी शलभ माथुर को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि शहाना बेगम व उनके स्वजन ने मदरसा में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 2015 में कागजात ले लिए थे। बिना बताए एक्सिस बैंक की स्थानीय शाखा में खाता खुलवा दिया। जिसमें शहाना बेगम के परिवार के युवक का मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड किया गया था। जुलाई 2021 में इसकी जानकारी सिकंदर अली को हुई तो बैंक जाकर खाते की जानकारी की। पता चला कि उनके नाम से खोले गए खाते के माध्यम से हर साल चार लाख 50 हजार रुपए बतौर मानदेय निकाले जा रहे थे। यानी सिकंदर को मदरसा टीचर में रूप में तैनाती दी जा चुकी थी। जिसकी जानकारी सिकंदर अली को थी ही नहीं।
इन पर लगाए आरोप
आरोप लगाया कि यह सारा मामला तत्कालीन डीआओएस रामाज्ञा कुमार (वर्तमान में बिजनौर तैनाती), तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अब्दुल मजीद खान (सेवानिवृत्त) व तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नरेश कुमार (वर्तमान में सीतापुर तैनाती) व एक्सिस बैंक के तत्कालीन स्थानीय शाखा प्रबंधक हरमीत अरोड़ा के संज्ञान में भी था। उनकी मिलीभगत से ही शहाना बेगम व उनके स्वजन धोखाधड़ी कर रहे हैं। सिंकदर के शिकायती पत्र पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार को डीआईजी ने अमरोहा पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
कोतवाली में दर्ज की गई प्राथमिकी
सीओ विजय कुमार राणा ने बताया कि डीआईजी के आदेश पर इस मामले में नगर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमे तत्कालीन डीआईओएस रामाज्ञा कुमार, तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अब्दुल मजीद खां, नरेश कुमार, लिपिक लियाकत अली के अलावा शहाना बेगम व उनके परिवार के फौजिया रिजवी, शबाना खान, नाजिया अहमद, नदीम सिद्दीकी, फराज अहमद, परवेज सिद्दीकी, अतहर अहमद, सना परवीन व यासिर सिद्दीकी उर्फ़ अब्दुल्ला के विरुद्ध धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
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