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    बंदी की कगार पर बेस्ट क्राप कंपनी, 20 रिएक्टर पर फिर जड़ा ताला, प्रदूषण फैलाया तो हुई कार्रवाई

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 05:41 AM (IST)

    गजरौला में प्रदूषण फैलाने वाली बेस्ट क्रॉप कंपनी पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग और प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। अब तक कंपनी के 41 रिएक्टर बंद कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई 22 सितंबर को हुए केमिकल रिसाव के बाद की गई जिसके कारण शहर में धुंध छा गई थी और कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। कंपनी को पूरी तरह से बंद करने की तैयारी है।

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    बंदी की कगार पर बेस्ट क्राप कंपनी, 20 रिएक्टर पर फिर जड़ा ताला

    जागरण संवाददाता, अमरोहा। गजरौला शहर में प्रदूषण फैलाने और जनमानस की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाली बेस्ट क्राप कंपनी अब बंदी की कगार पर पहुंच गई है। इस क्रम में प्रदूषण नियंत्रण विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 20 रिएक्टर और बंद किए हैं। अब तक 41 रिएक्टर बंद हो चुके हैं। लगातार कंपनी के खिलाफ हो रही इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हलचल का माहौल बना हुआ है।

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    बता दें कि 22 सितंबर की रात को एग्रीकल्चर की दवा बनाने वाली बेस्ट क्राप कंपनी के वेयरहाउस में रखे केमिकल का रिसाव हो गया। जिसके बाद धुएं उठने लगा और पूरे शहर में प्रदूषित धुंध छा गई थी दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग का ऐसा नजारा हुआ कि जैसे सर्दियों के सीजन में कोहरा छा गया हो।

    मुहल्ला अल्लीपुर के लोगों की तबियत भी बिगड़ी थी। करीब पांच घंटे रेस्क्यू के बाद स्थिति पर नियंत्रण किया गया था। 23 सितंबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तीन सदस्य टीम ने कंपनी में पहुंचकर स्थिति का जायजा लेते हुए कंपनी को नोटिस भी जारी किया था।

    उधर, नगर पालिका परिषद व तहसील प्रशासन की तरफ से भी प्रदूषण नियंत्रण विभाग को पत्र लिखा गया था। इस क्रम में अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा कंपनी के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। उस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मुख्य पर्यावरण अधिकारी राम गोपाल ने कंपनी को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए थे।

    उन्होंने कहा कि कंपनी नियमों का पालन नहीं कर रही है। इस आदेश का पालन करते हुए क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी उमेश शुक्ला, एसडीएम विभा श्रीवास्तव, बिजली विभाग से एसडीओ चंद्रेश विश्वकर्मा व पुलिस एकत्र होकर कंपनी में पहुंची थी, वहां पर टीम ने कंपनी में चल रहे दस रिएक्टर बंद कर दिए थे और कच्चे माल को भी सील किया था।

    इसके बाद दूसरी बार फिर से प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सहायक पर्यावरण अधिकारी माहिर हुसैर, नायब तहसीलदार और पुलिस की टीम कंपनी में पहुंची और 11 रिएक्टरों को बंद कर दिया था। अब तीसरी बार फिर टीम शुक्रवार की शाम को कंपनी में पहुंच गई। यहां पर रात करीब आठ बजे तक प्रदूषण विभाग की टीम कंपनी परिसर में 20 रिएक्टर बंद कर चुकी थी, यानी अब तक 41 रिएक्टर बंद हो चुके हैं।

    क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी उमेश शुक्ला ने बताया कि अब तक 41 रिएक्टर बंद हो चुके हैं। हालांकि अभी रिएक्टराें से गैस खत्म हो रही है। इसलिए बंद करने का निर्णय नहीं लिया है। जल्द ही कंपनी को पूर्णरूप से बंद किया जाएगा।

    कंपनी को पूरी तरह से बंद कराया जाएगा। क्योंकि कंपनी के खिलाफ मुख्यालय से ही आदेश जारी हो रखे हैं। उधर, लगातार हो रही प्रदूषण विभाग की कार्रवाई से कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों में हलचल का माहौल बना हुआ है।