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    जांच 14 तरह की, दवाएं मुफ्त; पर मंदिर में 'नो एंट्री': Ayushman Arogya Mandir की हकीकत

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 07:17 PM (IST)

    दैनिक जागरण की पड़ताल में डिडौली व कल्यानपुर में सेंटर पर ताले लटके मिले। मरीजों को मुफ्त जांच और दवाएँ नहीं मिल पा रही हैं। CHOs की गैरमौजूदगी से स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं, जिससे ग्रामीण बैरंग लौट रहे हैं। 90 आरोग्य मंदिरों को एनक्वास में चयनित कराने की तैयारी पर सवाल। सीएमओ ने जाँच का दिया आश्वासन।

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    अमरोहा में आयुष्‍मान आरोग्‍य मंद‍िर

    जागरण संवाददाता, अमरोहा। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर मरीजों की विभिन्न जांच से उनको बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की दावेदारी की जा रही है, मगर हकीकत में मरीजों स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही है। क्योंकि कुछ सीएचओ आरोग्य मंदिर नहीं खोल रहे हैं। डिडौली व कल्यानपुर के सेंटर पर सुबह ही ताला लटका मिला। जबकि जबकि मरीज बैरंग लौटकर जाते नजर आए। दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को आरोग्य मंदिरों का दौरा किया तो कुछ इसी तरह का नजारा सामने आया।

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    सरकार ने इलाज के अभाव में किसी मरीज की मृत्यु न हो और उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा सके। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 158 आयुष्मान आरोग्य मंदिर खुलवा रखे हैं। जिसमें इलाज के लिए हर आरोग्य मंदिर पर सीएचओ (कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर) संग एएनएम व आशा को तैनात कर रखा है।

    आरोग्य मंदिर पर मरीज की डेंगू-मलेरिया, टीबी, यूरिन, टाइफाइड, शुगर, पीलिया, हेपेटाइटिस, बुखार आदि 14 प्रकार की जांच की मुफ्त सुविधा है। साथ ही दवाएं भी उपलब्ध करा रखी हैं। जिसमें सभी आरोग्य मंदिरों पर सुबह नौ बजे से चार बजे तक मरीजों के उपचार के निर्देश हैं। स्वास्थ्य विभाग भी सभी आरोग्य मंदिरों पर सभी जांच व इलाज की दावेदारी कर रहा है।

    दैनिक जागरण की टीम सोमवार को आरोग्य मंदिरों पर मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने के लिए निकली। टीम ने 11 बजे कल्यानपुर के आरोग्य मंदिर पर पहुंचकर देखा तो उस पर ताला लटका मिला। वहां ग्रामीण दीपक कुमार, मानसिंह और राजीव सैनी ने बताया कि आरोग्य मंदिर पर सीएचओ नहीं आता, आए दिन बंद रहता है।

    इससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके बाद टीम 11.30 बजे डिडौली के आरोग्य मंदिर पहुंची। वहां देखा उस पर ताला लटका था। मरीज आशिया खांसी दवा लेने आई थी। उसने बताया कि कई बार दवा लेने आ चुकी हूं। लेकिन हर मुझे आरोग्य मंदिर बंद मिला है। अहमद हसन, फरीद ने बताया कि सीएचओ कभी-कभी आकर आरोग्य मंदिर खोलते हैं।

    इससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा टीम ने नगर के पीरगढ़ व नल के आयुष्मान केंद्र पर जाकर देखा तो वह खुले थे। जिन पर मरीज दवा ले रहे थे। सीएमओ डा. सत्यपाल सिंह ने बताया कि आरोग्य मंदिरों के एनक्वास में चयनित कराने की तैयारी चल रही है। जिसमें कुछ सीएचओ दूसरे आरोग्य मंदिरों पर जाकर सहयोग कर रहे हैं। अगर आरोग्य मंदिर नहीं खुल रहे तो जांच कराई जाएगी।

    90 आरोग्य मंदिरों को एनक्वास में चयनित की तैयारी

    आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को उच्चीकरण की कवायद चल रही है। जिसमें मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए 90 आरोग्य मंदिरों को एनक्वास (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स) में चयनित कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग जुटा हुआ है। जिनमें अभिलेखों के रखरखाव, स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने, रंगाई-पुताई का कार्य चल रहा है।

    इसका केंद्रीय टीम निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेंगी। एनक्वास में चयन होने पर सरकार की ओर से हर आरोग्य मंदिर को 1.26 लाख रुपये मुहैया कराए जाएंगे। यह धनराशि आरोग्य मंदिरों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं व कर्मियों पर खर्च किया जाएगा।

     

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