यूपी में बच्चों को पढ़ाने के साथ अब कुत्तों की निगरानी करेंगे टीचर, शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी
अमेठी में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ आवारा कुत्तों की निगरानी का निर्देश दिया है। इस आदेश के तहत शिक्षक स्कूलों और सड़कों ...और पढ़ें

बच्चों को पढ़ाने के साथ अब कुत्तों की निगरानी करेंगे शिक्षक।
संवाद सूत्र, जगदीशपुर (अमेठी)। शिक्षा विभाग की ओर से एक अजीबोगरीब निर्देश जारी किया गया है। शिक्षक अब बच्चों को पढ़ाने के साथ कुत्तों की भी निगरानी करेंगे। आदेश आने के बाद शिक्षकों में हलचल मच गई है। शिक्षक संघ ने नाराजगी जाहिर की है। कहा है कि आदेश को वापस लिया जाए। वहीं शिक्षा निदेशक के आदेश के बाद बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश का पालन कराने के लिए कहा है।
अब परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक केवल बच्चों को पढ़ाते ही नहीं दिखेंगे, बल्कि अब उन्हें सड़कों और स्कूल परिसरों में आवारा कुत्तों की निगरानी करते हुए देखा जाएगा। विभागीय आदेश सामने आते ही शिक्षक संगठनों ने इसे शिक्षकों के सम्मान के खिलाफ बताते हुए कड़ा विरोध जताना शुरू कर दिया है।
शासन के निर्देश और उच्च न्यायालय के दाखिल जनहित याचिका के अनुपालन में शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की पहचान रोकथाम और नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसी क्रम में विद्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं, जो परिसर की साफ सफाई सुरक्षा व्यवस्था और आवारा कुत्तों की आवाजाही पर नजर रखेंगे।
निगरानी में लगे नोडल अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर विद्यालय के मुख्य गेट पर प्रदर्शित करना भी अनिवार्य किया गया है। इस आदेश को लागू करने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी बीइओ को पत्र जारी किया है।
पत्र में निर्देश दिया गए है कि विकास खंड क्षेत्र के सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, अशासकीय सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त विद्यालयों विशेष कर नगर निगम सीमा में आने वाले विद्यालय के आसपास आवारा कुत्तों की स्थिति का चिन्हांकन किया जाए।
इसके लिए संबंधित नगर निकाय से समन्वय स्थापित कर रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजी जाए, ताकि उसे शासन स्तर पर प्रेषित किया जा सके। आदेश से साफ है कि आवारा कुत्तों के चिन्हांकन के लिए शिक्षकों को विद्यालय से बाहर निकलकर अतिरिक्त जिम्मेदारियां निभानी होगी।
शिक्षकों को अपमानित करने वाला आदेश
विद्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने और आवारा कुत्तों के चिन्हांकन का दायित्व सौंपना शिक्षकों का अपमान है। जिसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश है। इस आदेश का शिक्षक हर स्तर पर विरोध करेंगे। -गिरींद्र कुमार सिंह, महामंत्री, शिक्षक संघ जगदीशपुर।

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