सिन्दुरवा रेलवे स्टेशन की डगर है कठिन, यात्री सुविधाएं नदारद
स्टेशन के दोनों तरफ सड़कें नहीं हैं। कचे रास्ते बरसात में कीचड़ में तब्दील हो जाते हैं। पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं से यात्री वंचित हैं।
अमेठी : सिन्दुरवा रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्टेशन तक पहुंचने के लिए दोनों तरफ कच्चे रास्ते हैं, जो कि हल्की बरसात में कीचड़ में तब्दील हो जाते हैं। पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। रेलवे कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवास भी खंडहर हो चुके हैं।
सिन्दुरवा रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेनें रुकती हैं। काफी संख्या में यात्री यहां से आवागमन करते हैं। लेकिन, मूलभूत सुविधाओं का यहां अभाव है। कोयलारा रोड से स्टेशन तक पक्की सड़क नहीं है। गड्ढों में तब्दील हो चुका कच्चा रास्ता पार करके लोग स्टेशन पहुंचते हैं। बरसात होने पर ये रास्ता कीचड़ से भर जाता है। कमरौली पलिया रोड से स्टेशन तक का रास्ता भी कच्चे गलियारे के रूप में है। यहां पर एफसीआइ की रैक आती-जाती हैं। गेहूं व चावल की लोडिंग व अनलोडिंग होती है। गुड्स यार्ड के लिए भी रोड नहीं है। रास्ता खराब होने के चलते बड़े वाहन बरसात में यहां अक्सर फंस जाते हैं। इस स्टेशन से इंडो-गल्फ फैक्ट्री की खाद की रैक भी कई प्रदेशों को भेजी जाती है।
बहरहाल, जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण पक्की सड़क के लिए रेलवे स्टेशन तरस रहा है। पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं है। नल की टोटियां नदारद हैं। क्षेत्रीय लोगों ने रेलवे स्टेशन तक पक्की सड़कें बनवाने की मांग की मर्तबा की है। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
स्टेशन मास्टर महेंद्र चौधरी ने बताया कि रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए दोनों तरफ पक्की सड़कों के निर्माण के लिए पत्राचार किया जा चुका है। बजट स्वीकृत होने के बाद सुविधाएं बहाल कराने का काम होगा। कच्चे रास्तों की वजह से बरसात के समय में परेशानियां बढ़ जाती हैं।
एक नजर में स्टाफ की संख्या :
सिन्दुरवा रेलवे स्टेशन के संचालन के लिए करीब 35 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। स्टेशन मास्टर ने बताया कि दो पैसेंजर गाड़ियां यहां पर रुकती हैं।
खंडहर बने आवास :
सिन्दुरवा रेलवे स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवास खंडहर बन चुके हैं। कई आवासों से दरवाजा व खिड़की तक गायब हैं। जर्जर आवास के आसपास बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। ऐसे में रेलवे कर्मचारियों को इन आवास का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां पर लगे हैंडपंप भी खराब हालत में हैं।