अमेठी में SIR से बाहर हुए कई सालों से घर बनाकर रहने वाले दर्जनों परिवार, 30 वर्षों से कर रहे हैं वोट
अमेठी में 90 से अधिक नट परिवार विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। ये परिवार 30 वर्षों से मतदान कर रहे हैं, लेकिन पूर्वजों क ...और पढ़ें

SIR से बाहर हुए कई वर्ष से घर बनाकर रह रहे दर्जनों परिवार।
संवाद सूत्र, बाजारशुकुल (अमेठी)। लंबे समय से चल रही विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर ) प्रपत्र भरने की प्रक्रिया में 90 से अधिक नट जाति के परिवारजन बाहर हो गए हैं। आज वह इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनका नाम गणना प्रपत्र में क्यों शामिल नहीं किया गया।
अहमदपुर ग्राम पंचायत स्थित नजर अली का पुरवा में पिछले कई वर्षों से 90 परिवार नट जाति के रह रहे हैं। यह पंचायत चुनावों में पिछले 30 वर्ष से बतौर मतदाता अपनी भूमिका निभाते आ रहे हैं। इतने के बावजूद इनका एसआईआर प्रपत्र नहीं भराया गया है। 100 से अधिक मतदाता बी व सी श्रेणी में रखे गए हैं।
यह बगैर किसी पूर्वज की आइडी के एसआईआर की ए श्रेणी में कैसे आएं, इनके सामने यह बड़ी चुनौती है। लोकसभा की 2003 की मतदाता सूची में इन लोगों के परिवार के किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं था। जिससे निवास करने का प्रमाण नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में यह 90 परिवारजन काफी परेशान हैं।
हमारे पूर्वज इसी गांव के बाहर सरकारी भूमि पर पॉलीथिन एवं छप्पर में निवास करते थे। कभी किसी ने उनकी इस दशा पर ध्यान नहीं दिया। नई पीढ़ी ने मांग कर और कमाई करके गांव में मकान बना लिए हैं। हमारा नाम यहां अंकित होना चाहिए। -ठेकेदार नट, ग्रामीण।
हमारे कुनबे के लोग पिछले 30 वर्ष से मतदान करते आ रहे हैं, किंतु पूर्वजों की नाम सूची में न होने से हमारे परिवार के सैकड़ों लोग एसआईआर से वंचित हैं। सरकार हमारे साथ न्याय करे। -कल्लू नट, ग्रामीण।
फॉर्म भरै वाले आए थे, तो बताया कि अपने बाप दादा के आईडी दो। हमारे पास कुछ नाहीं है, तो हम काव दै देई। हम सब हमेशा वोट देत रहेन हमार नाम फार्म में दर्ज कीन जाए। हमें गांव से निकाला न जाए। -चुन्नू नट, ग्रामीण।
हमार नाम दर्ज न होए तौ हम सब मुख्यमंत्री साहब के पास जाबौ। आपन बात बताय के नाम फार्म म लिखावय के लिए प्रार्थना करब। हमार सब के नाम सूची में लिखा जाए। गांव में हम सब 30 वर्ष से रहित है। -शत्रुहन नट, ग्रामीण।
अहमदपुर गांव के लोगों की समस्या संज्ञान में है, किंतु उनके माध्यम से कुछ नहीं हो सकता है। यह सारा काम तहसील से ही होगा। -अंजली सरोज, बीडीओ, बाजारशुकुल।
31 दिसंबर के बाद ऐसे मतदाताओं को जिनकी आईडी प्रमाण न मिलने से एसआईआर का डिजिटाइजेशन नहीं हो सका है। उन्हें रजिस्टर्ड नोटिस देकर आईडी प्रमाण लेकर नाम जोड़ने का काम किया जाएगा। ऐसे लोगों को किसी तरह की शंका नहीं करनी चाहिए। बगैर उससे प्रमाण मांगे नाम काटा नहीं जाएगा। अपने प्रमाण जुटाकर नोटिस आने का इंतजार करें। तहसील में इसका निस्तारण कराया जाएगा। -राहुल सिंह, तहसीलदार, मुसाफिरखाना।

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