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    जिले में तेजी से बढ़ रहा है लंपी वायरल, इन लक्षणों को इग्नोर करने से चपेट में आ सकते हैं पशु

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 03:15 PM (IST)

    अमेठी में लम्पी रोग के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। जिले में छह लाख मवेशी हैं और अब तक दस हजार वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। विभाग ने 50 हजार और वैक्सीन की डिमांड की है। गायों में बुखार त्वचा पर दाने जैसे लक्षण दिखने पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

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    बुखार, त्वचा पर दाने, नाक बहना, मुंह से लार आना हैं लंपी के लक्षण।

    जागरण संवाददाता, अमेठी। लंपी रोग एक संक्रामक रोग है, जो मुख्य रूप से गाय को प्रभावित करता है। यह गायों में तेजी से फैलता है। यह रोग मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन संक्रमित मवेशियों के संपर्क में आने पर सावधानी बरतना जरूरी है, जिसे लेकर पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। बचाव के लिए वैक्सीन लगाने के साथ ही डिमांड भी की जा चुकी है।

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    जिले में छह लाख के करीब मवेशी हैं। इस समय लंबी रोग का खतरा बढ़ गया है। प्रदेश के 11 जिलों चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, मऊ, संत कबीर नगर और महाराजगंज में लंपी वायरस फैला हुआ है। जिसको देखते हुए पशु पालन विभाग सतर्क हो गया है। इससे बचाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

    पशु पालन विभाग पशु पालकों को जागरूक करने के साथ ही टीकाकरण भी शुरू कर दिया गया है। अब तक जिले में दस हजार वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। लंपी रोग की पहचान करना आसान है। अगर गाय को बुखार, त्वचा पर दाने, नाक बहना, मुंह से लार आना, और दूध उत्पादन में कमी जैसे लक्षण दिखाई दें तो समझ लीजिए यह लंपी रोग के लक्षण हैं।

    सीवीओ डॉ. गोपाल कृष्ण शुक्ल ने बताया कि जिले में अभी कोई संक्रमित मवेशी नहीं मिला है। वायरस के संक्रमण को लेकर विभाग सतर्क है। दस हजार वैक्सीन लगाई जा चुकी है। 50 हजार वैक्सीन की डिमांड की गई है। एक दो दिन में वैक्सीन आ जाएगी। जिसके उपरांत तेजी के साथ टीकाकरण किया जाएगा।

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