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    Mustard ki Kheti: साल के इस महीने में करिए सरसों की खेती, अच्छी पैदावार के साथ-साथ होगी बंपर कमाई

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 02:47 PM (IST)

    अमेठी के किसान अक्टूबर में सरसों की बुआई की तैयारी में जुटे हैं क्योंकि यह समय अच्छी उपज के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। कृषि वैज्ञानिक उन्नत किस्मों जैसे पूसा बोल्ड गिरिराज और पीतांबरी के बीज इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं जिनसे प्रति हेक्टेयर अच्छी पैदावार मिल सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे विश्वसनीय स्रोत से ही बीज खरीदें।

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    ‘सरसों की लाभकारी खेती में समय और प्रजातियों की अहम भूमिका’।

    जागरण संवाददाता, अमेठी। भले ही अभी धान की फसल तैयार होने में समय है। लेकिन सरसों की अच्छी उपज के लिए अक्टूबर में बोई जाने वाली सरसों लाभकारी होती है। प्रगतिशील किसान सरसों की खेती के लिए अच्छी प्रजातियों के बीज की तलाश में जुट चुके हैं।

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    अच्छी पैदावार के लिए अक्टूबर में सरसों की बोआई करना आवश्यक है। इसके लिए जागरूक किसान अभी से सरसों की उन्नत प्रजातियों के बीज प्राप्त करने के लिए जानकारी करने में लग गए हैं और अगैती धान की फसल लगाए हुए अधिकांश किसान रवि में सरसों बोने का विचार कर रहे हैं।

    उन्नत सरसों की खेती के संबंध में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा की पादप प्रजनन वैज्ञानिक डा. अर्चना देवी ने बताया कि सरसों की बोआई के लिए अक्टूबर का समय सर्वोत्तम रहता है।

    इस माह में बोई गई फसल की पैदावार अधिक रहती है तथा उसमें माहू आदि का खतरा नहीं रहता है। सरसों के अधिक उत्पादन में उन्नत प्रजातियों का बहुत योगदान रहता है, अक्टूबर में बोई जाने वाली प्रजातियों में पूसा बोल्ड, अवधि 125 से 130 दिन, उपज 22 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, गिरिराज, अवधि 140 से 145 दिन, उपज 23 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, ब्रजराज, अवधि 130 से 145 दिन, उपज 22 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, नरेंद्र राई 8501, अवधि 125 से 130 दिन, उपज 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, आरएच 725, अवधि 125 से 130 दिन, उपज 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, आरएच 749, अवधि 140 से 145 दिन, उपज 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रमुख प्रजातियां हैं।

    इसके अतिरिक्त पीली सरसों के लिए पीतांबरी, अवधि 110 से 115 दिन, उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, बसंती, अवधि 130 से 135 दिन, उपज 25 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, नरेंद्र राई दो, अवधि 110 से 115 दिन, उपज 16 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, के 88, अवधि 125 से 130 दिन, उपज 15 से 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रमुख प्रजातियां हैं। इसके अतिरिक्त ऊसर क्षेत्र के लिए नरेंद्र राई 8501, नरेंद्र अगेती राई चार, सीएस 58, अवधि 125 से 129 दिन, उपज 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। पादप प्रजनन वैज्ञानिक ने किसानों को सलाह दी है कि सरसों के बीज विश्वसनीय दुकान या राजकीय बीज गोदाम से ही खरीदें।