TET की बाध्यता हटवाने के लिए शिक्षकों ने भरी हुंकार, सीएम योगी को पत्र लिखकर उठाई यह मांग
UP TET अंबेडकरनगर में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता के विरोध में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रदर्शन किया। संगठन ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर आरटीई एक्ट से पहले नियुक्त शिक्षकों को छूट देने की मांग की। उनका कहना है कि टीईटी की बाध्यता अन्यायपूर्ण है क्योंकि शिक्षक पहले से ही योग्य हैं और उन्हें नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है।

संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में सेवारत शिक्षकों को टीईटी पास करने की बाध्यता पर अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ आंदोलित हैं। शिक्षक संगठन ने उक्त निर्णय के विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन भेजा। शिक्षक संघ ने आरटीई एक्ट लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त रखने की मांग रखी।
संरक्षक राम भवन शुक्ल तथा जिलाध्यक्ष विनय सिंह के नेतृत्व में विद्यालय अवधि के उपरांत एकजुट हुए शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट के बगल अंबेडकर मूर्ति के पास विरोध प्रदर्शन किया। न्यायालय द्वारा आरटीई एक्ट के लागू होने से पहले भर्ती हुए शिक्षकों पर शिक्षक भर्ती की नई योग्यता टीईटी पास करने बाध्यता रखी गई है।
कोई भी नियम पूर्व में हुई भर्ती पर लागू नहीं होता है। ऐसे में शिक्षक संगठन द्वारा न्यायालय के निर्णय पर असंतोष जताते हुए गहरी पीड़ा एवं नाराजगी जताई गई। शिक्षक संघ ने निर्णय को असंवैधानिक और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत बताया है।
बताया गया कि विभाग द्वारा शिक्षकों को सेवाकाल के दौरान अपडेट करने के लिए नियमित प्रशिक्षण दिए जाते हैं। ऐसे में टीईटी की बाध्यता करना अव्यवहारिक है। शिक्षक चयन के दौरान निर्धारित योग्यता के मानकों को शिक्षकों द्वारा पूर्ण करने के बाद ही सेवा ग्रहण की है। ऐसे में नए मानकों का किसी भी सेवा के बीच पालन कराना अनुचित होगा।
शिक्षकों ने सेवा के अनुभव, सेवाकाल के दौरान प्रशिक्षण तथा अभी तक योग्य होने का हवाला भी दिया। शिक्षक संघ ने कहा कि बिना योग्यता के अभी तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को अयोग्य मानकर सेवा से हटाने से पूर्व सेवाकाल के दौरान उनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चों से उनकी योग्यता का प्रमाणपत्र वापस लेना संभव होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग में पहले से शिक्षकों की कमी है। ऐसे में उक्त निर्णय के बाद स्कूलों को बंद करके विलय की ओर फिर धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में गरीबों के बच्चे पढ़ाई छोड़ देंगे। शिक्षक संघ ने सरकार से उक्त मामले में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए न्याय दिलाने की मांग की है।
सरकार को पुनर्विचार याचिका दायर करने या अध्यादेश लाकर शिक्षकों की सेवा को सुरक्षित करने की मांग की है। बताया कि बड़ी संख्या में शिक्षक टीईटी देने की योग्यता तथा क्षमता नहीं रखते हैं। ऐसे में उनका परिवार अवसाद की स्थिति में पहुंच गया है।
आंदोलन के दौरान कुलदीप वर्मा, अभिषेक यादव, रामकेश मौर्य, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष राघवेंद्र शुक्ल, अनिल वर्मा, राकेश वर्मा, अमरनाथ यादव, राजेश अकेला, अखिलेश सिंह, जसवंत सिंह, राजेश सिंह, जयकेश सिंह, शैलेष श्रीवास्तव, रामबली, लालचंद यादव, मंजूलता, फूलमती, शबनम, पुष्पा मिश्रा व ताराकांत वर्मा आदि बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे। संचालन प्रेम प्रकाश सिंह ने किया।
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