अंबेडकर नगर के 249 कॉलेजों पर जांच की आंच, शासन के निर्देश पर डीएम ने नामित किए 60 अधिकारी
अंबेडकरनगर में बाराबंकी की घटना के बाद 249 कॉलेजों पर जांच की आंच आई है। DM ने 15 टीमें बनाकर 60 अधिकारियों को जांच के लिए नामित किया है। तहसीलों में कॉलेजों की जांच कराई जाएगी जिसमें सोसाइटी पंजीकरण शिक्षकों की योग्यता छात्रों की संख्या भवन और फीस जैसे मानकों की जांच होगी। अवैध कोर्स पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी और छात्रों को शुल्क वापस किया जाएगा।

संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। बाराबंकी में राम स्वरूप विश्वविद्यालय की घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती पर यहां के 249 कॉलेजों तक जांच की आंच पहुंची है। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी अनुपम शुक्ल द्वारा चार-चार सदस्यी 15 टीमों का गठन कर 60 अधिकारियों को जांच के लिए नामित किया है। तहसील आलापुर में 44, जलालपुर में 60, भीटी में 53, टांडा में 36 तथा अकबरपुर में 56 कालेजों की जांच कराई जाएगी। प्रशासन, पुलिस, शिक्षा समेत तकनीकी व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक जांच टीम में शामिल किया गया है।
जांच का दायरा
निजी तथा वित्त पोषित कालेजों की जांच के दौरान महाविद्यालयों में सोसाइटी या ट्रस्ट पंजीयन व नवीनीकरण, मान्यता प्रपत्र, मान्यता कोर्स व पाठ्यक्रम, शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता, मानक अनुसार शिक्षकों एवं छात्रों की उपलब्धता, कोर्सेस में प्रवेश के लिए अनुमोदित सीट एवं इसके सापेक्ष प्रवेश संख्या,संचालित व मान्यता प्राप्त कोर्स के लिए भवन व भूमि का मानक, भूमि सरकार व निजी होने तथा सुरक्षा को लेकर भवन की वर्तमान स्थिति, यूनिट के अनुसार संकाय की संख्या, फीस का मानक, वर्तमान में भूमि व भवन की उपलब्धता, विश्वविद्यालय में शासन और विभाग से शिक्षकों का अनुमोदन, राजकीय, वित्त पोषित, निजी होने की स्थिति परखी जाएगी।
एक ही भवन-भूमि पर कई मान्यता, मान्यता प्राप्त करने के संबंध में शपथपत्र, संचालित पाठ्यक्रम की सूची, सीट की संख्या अनुसार दाखिला खंगालने संग अधिकारी अपनी टिप्पणी भी देंगे। ऐसे ही फार्मेसी इंस्टीट्यूट समेत निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और नर्सिंग इंस्ट्यूट का संपूर्ण विवरण खंगाला जाएगा।
वैधता का सघन परीक्षण
डीएम ने जांच टीम के अधिकारियों को महाविद्यालयों, आईटीआई, फार्सेसी, नर्सिंग कालेज आदि का सघन परीक्षण करने को निर्देशित किया है। प्रत्येक संस्था से शपथपत्र लेने में स्पष्ट होगा कि संस्थानों द्वारा केवल मान्यता प्राप्त कोर्स ही संचालित किए जा रहे हैं।
संचालित सभी कोर्सों की सूची भी समिति प्राप्त करेगी और उनके साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग आदि संबंधित सांविधिक संस्था जैसे आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई), बारकाउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई), डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल (डीईसी),डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई), इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी), मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई), नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई), फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया (पीसीआई) आदि की मान्यता का विवरण, सीटों की संख्या सहित विश्वविद्यालय, बोर्ड, नियामक निकाय की स्वीकृति का स्पष्ट उल्लेख होगा।
समिति सुनिश्चित करेगी कि किसी भी छात्र का प्रवेश बिना मान्यता वाले कोर्स में नहीं हुआ है। समिति द्वारा संस्थान, महाविद्यालय के संचालन की स्पष्ट वस्तुस्थिति को अनिवार्य रूप से उल्लिखित किया जाएगा। संस्थान का संचालन वैध, अवैध, नियम अनुसार व अनियमित किए जाने की श्रेणी का जिक्र होगा। किसी संस्थान में अवैधानिक व बिन मान्यता प्राप्त कोर्स संचालित पाये जाते हैं तो संस्थान के संचालन के संबंध में कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। ऐसे मामलों में छात्रों को संपूर्ण शुल्क ब्याज सहित वापस कराने का जिम्मा संस्थान का होगा। डीएम ने 18 सितंबर तक जांच आख्या मांगी है।
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