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    RO Water साफ तो दिखता है लेकिन नर्वस सिस्‍टम को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जानें- विशेषज्ञाें की राय

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Mon, 07 Jun 2021 12:00 PM (IST)

    कोरोना संक्रमण के चलते चिकित्सा गलियारे में कई नए तथ्य आए दिन निकल रहे हैं। एक तथ्य यह भी है कि आरओ का पानी अब अधिकांश घरों में इस्तेमाल हो रहा है। इसमें फिल्टर मशीन का टीडीएस विभिन्न कंपनियां न्यूनतम 200 तक ही रखती हैं।

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    आरओ के पानी में पोषक तत्वों को लेकर लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए।

    प्रयागराज, [अमरदीप भट्ट]। क्‍या आप भी आरओ (रिवर्स आस्मोसिस) का पानी इस्तेमाल करते हैं। अगर हां, तो यह खबर आपके लिए काम की है। आपको सावधानी भी बरतनी चाहिए। साधारण पानी में ट्रेस एलीमेंट जैसे मिनरल, जिंक, सेलेनियम, कैल्शियम आदि घुलनशील पदार्थ मिले होते हैं। इनका इंडियन ड्रिंकिंग वाटर स्टैंडर्ड मानक 500 एमजी प्रति लीटर का है। जल प्रदूषण बोर्ड की भाषा में इसे टीडीएस (टोटल डिजाल्व सॉलिड) भी कहते हैं। आरओ में यही टीडीएस घटाने से पानी ज्यादा साफ लेकिन शरीर के नर्वस सिस्टम के लिए नुकसानदायक होने की संभावना ज्यादा रहती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि टीडीएस 200 से ज्यादा घटाने और लंबे समय तक वैसा ही पानी इस्तेमाल करना नुकसानदायक है। 

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    टीडीएस जितना कम करेंगे ट्रेस एलीमेंट उतना ही छनकर निकल जाएंगे

    कोरोना संक्रमण के चलते चिकित्सा गलियारे में कई नए तथ्य आए दिन निकल रहे हैं। एक तथ्य यह भी है कि आरओ का पानी अब अधिकांश घरों में इस्तेमाल हो रहा है। अपार्टमेंट में रहने वाले लोग अधिकाधिक इसका इस्तेमाल करते हैं। इसमें फिल्टर मशीन का टीडीएस विभिन्न कंपनियां न्यूनतम 200 तक ही रखती हैं। इससे शरीर को ट्रेस एलीमेंट प्रचुर मात्रा में मिलते भी हैं और पानी साफ भी रहता है। कई लोग टीडीएस इससे भी कम में सेट करवाते हैं। कहीं-कहीं तो टीडीएस 100 से भी नीचे करने के लिए कंपनी के सर्विस प्रोवाइडर पर दबाव डाला जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि टीडीएस जितना कम करेंगे ट्रेस एलीमेंट उतना ही छनकर निकल जाएंगे। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलने से सीधा प्रभाव हड्डियों पर पड़ेगा।

    एसआरएन अस्‍पताल के फिजीशियन की सलाह

    स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) के वरिष्ठ फिजीशियन डा. अजीत कुमार चौरसिया का कहना है कआरओ का पानी एक निश्चित टीडीएस पर ही इस्तेमाल करना चाहिए, न्यूनतम मानक से कम पर इसे सालों साल इस्तेमाल किया गया तो अर्थराइटिस की बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहेगा। 

    इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्‍यक्ष ने यह कहा

    इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. एमके मदनानी ने भी इस पर सहमति जताई। कहा कि नर्वस सिस्टम चलायमान रखने के लिए प्राकृतिक पोषक तत्व जरूरी है। पानी उसका सबसे बड़ा माध्यम है। उसी से ट्रेस एलीमेंट छनकर निकल जाएंगे तो वर्षों बाद गंभीर बीमारियों की जद में आना तय है।

    जल संस्‍थान के अधिशासी अभियंता ने यह कहा

    जल संस्थान के अधिशाषी अभियंता पुरुषोत्तम कुमार का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में लोग साधारण पानी पीते हैं जो भूमिगत तीन लेयर के नीचे (थर्ड स्टेटा) से आता है। वैसा ही पानी जल संस्थान भी सप्लाई करता है। इसमें ट्रेस एलीमेंट प्रचुर मात्रा में मिलते होते हैं। जबकि आरओ में टीडीएस कम कराए जाने से यही पोषक तत्व छन कर निकल जाते हैं।

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