Ramlila 2022: हनुमान बने कयूम खान कर रहे श्रीराम का जयघोष, प्रतापगढ़ की रामलीला में हिंदू-मुस्लिम सौहार्द
रामलीला भी हिंदु-मुस्लिम भाईचारा और सौहार्द की प्रतीक के तौर पर उभर रही है। प्रतापगढ़ जनपद में लक्ष्मणपुर ब्लाक के सिंधौर में आदर्श रामलीला समिति द्वारा चल रही श्री रामलीला में आठवें दिन कलाकारों ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। हनुमान बने कयूम ने जोरदार अभिनय किया

प्रयागराज, जेएनएन। रामलीला भी हिंदु-मुस्लिम भाईचारा और सौहार्द की प्रतीक के तौर पर उभर रही है। प्रतापगढ़ जनपद में लक्ष्मणपुर ब्लाक के सिंधौर में आदर्श रामलीला समिति द्वारा चल रही श्री रामलीला में आठवें दिन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। श्रीराम के रूप में गजेंद्र विश्वकर्मा, लक्ष्मण के रूप में मनीष शर्मा, सुग्रीव के रूप में अमोद यादव और हनुमान के रूप में मोहम्मद कयूम खान तथा व्यास के पात्र में माताफेर तिवारी, इंद्रजीत के रूप कुलदीप तिवारी, रावण के रूप में राजेश सरोज आदि ने अपना अभिनय किया।
मोहम्मद कयूम हनुमान की भूमिका में करते हैं श्रीराम का जयघोष
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त कर हनुमान का रूप धारण किए मोहम्मद कयूम अपनी वानर सेना के साथ प्रभु श्रीराम का जयघोष करते हुए माता जानकी की खोज को निकल पड़े। रास्ते में बहुत से समस्याओं का सामना करते हुए अनेकों राक्षसों से युद्ध कर लंका पहुंचे। लंका में निवास कर रहे प्रभु श्री राम भक्त विभीषण से उनकी मुलाकात हुई। माता जानकी की जानकारी कर लंका के अशोक वाटिका पहुंचे।
श्रीराम और हनुमान जी में पूरी श्रद्धा कयूम को
अशोक वाटिका में माता जानकी से प्रभु श्री राम का वृतांत बताया और माता का आदेश लेकर वाटिका से मधुर फल खाते हुए वानर स्वभाव के कारण वाटिका उखाड़ने लगे। रावण के अनेकों सैनिकों से युद्ध भी किया। अंत में रावण ने हनुमान की पूंछ में आग लगवा दी, हनुमान ने पूरी लंका का जला कर राख कर दिया। कयूम कहते हैं कि वह बरसों से हनुमान की भूमिका निभा रहे हैं। उन्हें तो हनुमान और श्रीराम में पूरी श्रद्धा भी है।
शिक्षक आशुतोष गिरि दीपक ने मां सरस्वती की आरती करके कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर डायरेक्टर उदयराज सिंह,दयाशंकर गिरि, सत्येंद्र विश्वकर्मा, जयशंकर शर्मा, छेदी लाल, बुद्धि राम सरोज, राजू विश्वकर्मा, अतुल तिवारी, प्रदीप तिवारी, पुल्लू तिवारी, शिवशंकर शर्मा आदि लोग रहे।
ग्राम प्रधान बने रावण तो दिल्ली से छुट्टी लेकर आए हैं राम
प्रतापगढ़ में छतरपुर शिवाला में आदर्श रामलीला समिति द्वारा रामलीला के मंचन की शुरुआत 40 वर्ष पूर्व प्रधान रहे राम विलास सिंह झगरू सिंह ने की थी। 10 वर्ष पूर्व उनकी मौत के बाद अब इस पुरानी परंपरा को उनके बेटे प्रधान हरिनाम सिंह निर्वहन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ग्राम प्रधान खुद रामलीला के मंच पर रावण का रोल भी अदा कर रहे हैं।
राम का पाठ कर रहे धर्मेंद्र तिवारी दिल्ली में रह कर प्राइवेट नौकरी करते हैं। रामलीला शुरू होने के पूर्व वह दिल्ली से छुट्टी लेकर छतरपुर इए हैं। शेष बहादुर सिंह राजा दशरथ, पवन लक्ष्मण बने हैं। विकास सिंह माता सीता का रोल कर रहे हैं, अनुपम वर्मा भरत प्रियांशु वर्मा शत्रुघ्न व मुकेश कुमार हनुमान बने विमल सिंह परशुराम का रोल कर रहे हैं, तोगुरु वशिष्ठ महेश सिंह व विश्वामित्र बृजेश तिवारी का बखूबी पाठ कर रहे हैं। निदेशक राम किशोर वर्मा दोपहर से ही कलाकारों को उनके आज के मंचन के बारे में रिहर्सल करा कर तैयारी करने में जुटे रहते है।
सीता पर राक्षसी का रूप धारण कर झपटी सूपनखा
पंचवटी में राम सीता लक्ष्मण बैठे थे। इसी बीच लंका के राजा रावण की बहन सूपनखा आ पहुंची। सुंदरी का रूप धारण कर सूपनखा राम, लक्ष्मण से विवाह करने की जिद करने लगी। दोनों भाइयों ने इन्कार कर दिया तो सूपनखा गुस्से में आ गई और उसने अपना राक्षसी रूप धारण कर लिया। वह सीता पर झपटी तो राम के आदेश पर लक्ष्मण ने उसके नाक कान काट लिए। जब यह बात रावण तक पहुंची तो उसने भेष बदल कर सीता का हरण कर लिया।
सोमवार की रात सीता हरण का यह दृश्य निधी पट्टी मंसाराम का पूरा गांव में चल रही रामलीला के मंचन में देखकर दर्शक मुग्ध हो गए। राम का अभिनय शिवेश मिश्रा, बीनू लक्ष्मण अंशू मिश्रा सीता, ओम मिश्रा नारद निमलेश मिश्रा विश्वामित्र, दिनेश तिवारी रावण, आदित्य प्रसाद मिश्र सूपनखा का अभिनय किया। इस दौरान रामलीला अध्यक्ष माताफेर मिश्र, डायरेक्टर श्रीपाल मिश्रा, प्रबंधक अजय कुमार मिश्र, विनोद मिश्रा, अजय अध्यक्ष आदि रहे।
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