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    Prayagraj News: फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बदला गया खतौनी की नकल का स्वरूप, अब 19 कालम में उपलब्ध होगी जानकारी

    By Ramesh PandeyEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Thu, 19 Jan 2023 09:23 PM (IST)

    भूलेखों में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए सरकार ने खतौनी की नकल का स्वरूप बदल दिया है। 18 जनवरी से यह व्यवस्था प्रदेश भर में लागू हो गया है जिसके तहत भूलेख पोर्टल को अपग्रेड करते हुए अब उसमें 13 के स्थान पर 19 कालम में जानकारी उपलब्ध होगी।

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    भूलेख पोर्टल को अपग्रेड करते हुए अब उसमें 13 के स्थान पर 19 कालम में जानकारी उपलब्ध होगी।

    फूलपुर, जागरण टीम: प्रदेश में भूलेखों में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए सरकार ने खतौनी की नकल का स्वरूप बदल दिया है। 18 जनवरी से यह व्यवस्था प्रदेश भर में लागू हो गया है, जिसके तहत भूलेख पोर्टल को अपग्रेड करते हुए अब उसमें 13 के स्थान पर 19 कालम में जानकारी उपलब्ध होगी।

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    उक्त जानकारी देते हुए फूलपुर तहसीलदार अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अब एक गाटा संख्या की एक ही खतौनी बनेगी तथा उसमें यह स्पष्ट उल्लेख होगा की उक्त गाटा कितने वर्ग मीटर का है।साथ ही साथ उसकी यूनिक आईडी क्या है यह भी लिखा होगा। इस व्यवस्था से कास्तकारों को छह नई सुविधाएं भी उपलब्ध होगी। 

    उन्होंने बताया कि अभी तक जन सेवा केंद्र अथवा तहसील में गांव व किसान का नाम बताने से खतौनी की नकल मिल जाया करती थी। इसके साथ ही एक किसान के नाम यदि एक से अधिक गाटा है तो खाते का नंबर और उस रकबे का क्षेत्रफल आ जाता था। नई व्यवस्था के तहत अब एक गाटा संख्या के ही भूखंड का विवरण लिया जा सकता है। 

    गाटा संख्या से निकली खतौनी को देखकर ही ज्ञात हो जाएगा कि भूमि की स्थिति कैसी है। तहसीलदार अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश में भूलेखों के फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए लागू नई व्यवस्था से किसानों को कई उपयाेगी जानकारियां भी प्राप्त होगी।