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    National Sports Day 2022: मेजर ध्‍यानचंद पहलवान बनना चाहते थे...बन गए हाकी के जादूगर

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 28 Aug 2022 05:16 PM (IST)

    National Sports Day 2022 हाकी के जादूगर मेजर ध्‍यान चंद के पिता सेना में थे। प्रयागराज में में वे पले-बढ़े। यहीं वे पहलवान बनना चाहते थे। पिता के झांसी स्थानांतरण होने पर वे साथ चले गए। वहां रुझान बदला और वह हाकी के हो गए। उन्हें आक्रामक खेल पसंद था।

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    National Sports Day 2022 हाकी के जादूगर मेजर ध्‍यानचंद स्पीड, स्किल, स्टेमिना को मंत्र बनाकर खिलाडि़यों को अभ्यास कराते थे।

    प्रयागराज, अमलेंदु त्रिपाठी। खेल जगत को समृद्ध करने में संगम नगरी प्रयागराज का बड़ा योगदान रहा है। हाकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद (दद्दा) इसी मिट्टी में पले और बढ़े। पहले उनका रुझान पहलवानी की तरफ रहा। प्रयागराज में लोकनाथ की गलियों में पहलवानी के तमाम दांवपेच भी उन्‍होंने सीखा।

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    मेजर ध्‍यान चंद

    जन्म - 29 अगस्त सन 1905

    मृत्यु - तीन दिसंबर 1979

    ध्‍यान चंद ऐसे बने हाकी के जादूगर : मेजर ध्‍यान चंद के पिता सेना में थे। झांसी स्थानांतरण होने के बाद दद्दा भी साथ चले गए। वहां रुझान बदला और फिर वह हाकी के हो गए। उन्हें आक्रामक खेल पसंद था। अकेले ही बाल ड्रिबल करते हुए डी में प्रवेश कर जाते थे। 1960 से 1970 तक भारतीय हाकी टीम के कोच रहने के दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की ड्रिबलिंग और बाल कंट्रोल स्किल को बढ़ाने का प्रयास किया।

    खिलाडि़यों को हमेशा अटैक के लिए प्रेरित करते थे : प्रयागराज के चर्चलेन निवासी रामबाबू गुप्ता और उनके भाई श्याम बाबू गुप्ता ने दद्दा से प्रशिक्षण लिया है। कहते हैं कि प्रत्येक खिलाड़ी को हमेशा अटैक के लिए प्रेरित करते थे। 1966 में भारतीय टीम के सदस्य रहे रामबाबू स्मृतियों को साझा करते हुए कहते हैं कि पुणे में नेशनल चैंपियनशिप से पहले कैंप लगा था। दद्दा के साथ उनके भाई भूप सिंह भी प्रशिक्षक के तौर पर शामिल हुए थे। दोनों लोग बहुत सरल स्वभाव के थे लेकिन मैदान पर बहुत सख्त रहते थे। अभ्यास में किसी भी तरह की ढिलाई पसंद नहीं थी। स्पीड, स्किल और स्टेमिना उनका मंत्र था।

    इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय के मैदान पर मेजर ध्‍यानचंद ने दिखाया था कौशल : इंडियन आडिट हाकी टीम का हिस्सा रहे श्याम बाबू ने बताया कि 1948-49 में भारती टीम के साथ मेजर ध्यान चंद झांसी से कोलकाता जा रहे थे। एक दिन के लिए प्रयागराज में टीम रुकी। शाम को इलाहाबाद विश्वविद्यालय मैदान में एमवाईएमए (मुस्लिम यंग मैन एसोसिएशन) क्लब के साथ मैत्री मैच खेले। इस टीम में मनमोहन पार्क निवासी इदरीश अहमद, धुन्नू भैया, बल्टी तिवारी, मसीउल्ला, आनंद सिंह, मानिक लाल शामिल थे। दद्दा ने जबरदस्त आक्रामक हाकी खेली। गोलकीपर धुन्नू भैया थे। उन्होंने अधिकांश गोल रोक लिए। दूसरी तरफ इदरीश अहमद ने भी तेज हाकी दिखाई। दोनों खिलाड़ियों ने दद्दा को बहुत प्रभावित किया। वह इतने खुश हुए कि दोनों को बारी बारी से कंधे पर उठा लिए।