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    माघ मेलाः एक माह संगम तट पर कल्पवास में अंतर्मन का कायाकल्प

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Wed, 28 Dec 2016 09:06 PM (IST)

    पौष पूर्णिमा से माघी तक कल्पवास महिमा का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा-माघ मकर गत रवि जब होई, तीरथ पतिहि आव सब कोई।

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    इलाहाबाद (जेएनएन)। मोक्षदायिनी गंगा, पवित्र यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल पर माह भर से ज्यादा समय तक अद्भुत नजारा दिखाई देता है। बड़े-बड़े एयरकंडीशन बंगलों में रहने वाले, लग्जरी कारों में घूमने वालों से लेकर सामान्य गृहस्थ यहां तंबुओं के अस्थायी ठिकाने में नजर आते हैं। एक महीने तक सांसारिक मोह माया से मुक्त होकर वैराग्य जीवन का अनुभव लिया जाता है। यह कालखंड साधक की काया तो नहीं बदलता, अलबत्ता उनके अंतर्मन का कायाकल्प कर देता है।

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    पौष पूर्णिमा से लेकर माघी पूर्णिमा तक कल्पवास किया जाता है। कल्पवास की महिमा का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में कुछ यूं किया है-

    माघ मकर गत रवि जब होई, तीरथ पतिहि आव सब कोई।

    देव दनुज किन्नर नर श्रेणी, सादर मज्जहि सकल त्रिवेणी।।

    इस एक महीने में देवता, गंधर्व से लेकर से सामान्य मनुष्य यहां मोक्ष की कामना लेकर आते हैं और कल्पवास करते हैं। देवराहा बाबा सेवाश्रम प्रयाग पीठ के संचालक डॉ. रामेश्वर प्रपन्नाचार्य शास्त्री की मानें तो प्रयाग की मोक्षदायी महिमा को देवता भी स्वीकार करते हैं। कल्पवास के दौरान वह भी यहां मनुष्य के रूप में आते हैं और निवास करते हैं। सामान्य सांसारिक मनुष्य एक माह वैराग्य का पालन करता है और हर छल प्रपंच से दूर केवल देव उपासना में ही रत रहता है। मान्यता यह है कि कल्पवास की अवधि पूरी होने पर कल्पवासी के अंतर्मन का कायाकल्प हो चुका होता है। वह अपने घर लौटने के बाद भी काफी हद तक वैराग्य जीवन का पालन करता है। इस साधना का उद्देश्य ही यह है कि जीवन में मोह माया से परे रहकर सद्कर्म किया जाय।

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    एसटीपी से दूषित पानी निकला तो एफआइआर

    इलाहाबाद के सलोरी नाले का पानी सीधा गंगा में जाकर संगम पहुंच रहा है। ऐसे कई नाले हैं जिनका पानी टैप किए जाने के बावजूद गंगा में पहुंच रहा है। जिलाधिकारी संजय कुमार बुधवार को हालात का निरीक्षण करने पहुंचे। हालात देख उन्होंने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि यदि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से अनट्रीटेड पानी बाहर आया तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।माघ मेले से पहले गंगा का पानी दूषित होने का मसला दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था।

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    डीएम संजय कुमार सुबह ही वह माघ मेला क्षेत्र पहुंचे। उन्होंने सलोरी और दारागंज से आ रहा पानी देखा, जो बिना ट्रीटमेंट गंगा में जा रहा था। डीएम ने कहा कि शाम तक यह पानी आना बंद हो जाना चाहिए। मजिस्ट्रेट भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी। डीएम ने मेले की तैयारियों का भी जायजा लिया और घाटों पर मजबूत बैरिकेडिंग के निर्देश दिए। सड़कों की चौड़ाई कम देख बिजली के खंभे पीछे हटाने और चौड़ाई बढ़ाने के लिए लोनिवि व बिजली विभाग के अफसरों से कहा। महावीर पांटून पुल का एक पीपा धंस जाने पर भी कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही कटान नहीं रोक पाने पर सिंचाई विभाग के अफसरों को डांट लगाते हुए कहा कि जेसीबी और क्रेट्स की मदद से कटान रोकी जाए।

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