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    गंगाजल के लिए संतों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर दी अनशन की चेतावनी

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Wed, 28 Dec 2016 10:55 PM (IST)

    संतों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र भेजकर गंगाजल के शुद्धिकरण की मांग की है। चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर वह अनशन पर बैठ जाएंगे।

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    इलाहाबाद (जेएनएन)। माघ मेला से ऐन पहले गंगाजल के काला-लाल होने का मामला मुख्यमंत्री दरबार पहुंच गया है। संतों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कैबिनेट मंत्री आजम खां को पत्र भेजकर गंगाजल के शुद्धिकरण की मांग की है। चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर वह अनशन पर बैठ जाएंगे। स्वच्छ वसुंधरा सोसायटी ने भी प्रमुख सचिव नगर विकास से जांच की मांग की है।

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    माघ मेले से ठीक पहले गंगाजल के रंग ने संत महात्माओं का पारा चढ़ा दिया है। सोमवार को मनकामेश्वर मंदिर के प्रभारी ब्रहृमचारी श्रीधरानंद महराज के नेतृत्व में संतों व बुद्धिजीवियों ने संगम पर प्रदर्शन किया था। मंगलवार को टीकरमाफी आश्रम झूंसी में संतों की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि अगर गंगा की अविरल धारा नहीं मिली तो संत महात्मा माघ मेले का बहिष्कार कर अनशन पर बैठ जाएंगे।

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    आश्रम के महंत स्वामी हरिचैतन्य ब्रहृमचारी ने बताया कि मुख्यमंत्री और आजम खां को फैक्स के माध्यम से पत्र भेजा गया है। अगर मेले से पहले गंगाजल साफ नहीं हुआ तो फिर आंदोलन तय है। स्वच्छ वसुंधरा सोसायटी के सचिव विवेक अग्रवाल ने उच्चाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा है कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी माघ मेले में शुद्ध गंगाजल सुलभ कराना टेढ़ी खीर साबित होता है। उन्होंने कहा है कि ऐसा क्यों होता है, संबंधितों से इसका जवाब मांगा जाना चाहिए।

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