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प्रयागराज में 16 वर्षों में बनीं पानी की टंकियों की जांच, 135 इंजीनियरों पर लटकी एक्शन की तलवार

जिले में पिछले 16 वर्षों में तैनात जल निगम के अधिकारियों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनके कारनामे पकड़े जाएंगे। पानी की टंकी निर्माण में अरबों रुपये का खेल की उच्चाधिकारियों ने पिछले दिनों जांच की। तकनीकी टीमों द्वारा सर्वे भी कराया गया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2022 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 06:30 AM (IST)
प्रयागराज में 16 वर्षों में बनीं पानी की टंकियों की जांच, 135 इंजीनियरों पर लटकी एक्शन की तलवार
खराब पानी की टंकी बनाने वाले जल निगम के अधिकारियों पर दर्ज होगा केस, वसूली जाएगी धनराशि

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जिले में पिछले 16 वर्षों में तैनात जल निगम के अधिकारियों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनके कारनामे पकड़े जाएंगे। पानी की टंकी निर्माण में अरबों रुपये का खेल की उच्चाधिकारियों ने पिछले दिनों जांच की। तकनीकी टीमों द्वारा सर्वे भी कराया गया।

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मंडलायुक्त, डीएम, सीडीओ और डीडीओ की जांच में पकड़ी गई गड़बड़ी

खुद मंडलायुक्त, डीएम, सीडीओ और डीडीओ ने 40 से ज्यादा गांवों में जांच कर टंकी निर्माण में गड़बड़ी पकड़ी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक अनियमितता में अब तक जल निगम के 135 इंजीनियर शामिल पाए गए हैैं। इनमें कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैैं तो काफी स्थानांतरित हो चुके हैैं। इनकी सूची तैयार कराई जा रही है। नाम-पते के साथ ही वर्तमान तैनाती स्थल का भी विवरण इकट्ठा किया जा रहा है।

रिटायर हो चुके इंजीनियरों की भी फंसेगी गर्दन

सेवानिवृत्त इंजीनियरों के पते की तलाश हो रही है। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए जल्द ही शासन को संस्तुति की जाएगी। टंकी निर्माण व पाइप लाइन बिछाने में गुणवत्ता के साथ मनमानी करने वाले इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके बाद इनसे धनराशि की वसूली की जाएगी। इसके लिए आरसी भी जारी कराई जाएगी।

बेहद घटिया कार्य, चालू ही नहीं हो सकीं टंकियां

जल निगम के अधिकारियों की मनमानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार से सात करोड़ की कीमत की एक टंकी बनाई और फिर उसे छोड़ दिया। इस तरह की 70 से ज्यादा टंकियां हैैं जो चालू ही नहीं हो सकी हैैं। सौ से ज्यादा टंकियों में सीपेज, लीकेज है। होलागढ़, बहादुरपुर, करछना, मेजा, कोरांव, शंकरगढ़ में तो टंकियों से पानी झरने की तरह गिरता है, इसलिए उनका प्रयोग नहीं हो रहा है। डीहा पेयजल योजना में अब तक पांच करोड़ रुपये के लग गए मगर ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो सका।

मुख्यमंत्री की सख्ती अब तेज होगी गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के दूसरे दिन ही कार्रवाई को लेकर दौड़भाग तेज हो गई।

सीडीओ ने यह बताया

जल निगम द्वारा बनाई गई पानी की टंकियों में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है। निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हो गई है। जो टंकियां निर्माणाधीन हैैं, उनकी गुणवत्ता की मानीटरिंग भी हो रह है।

शिपू गिरि, सीडीओ


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