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    Business News: टैक्स की मार से मिले छुटकारा तो प्रयागराज में सराफा बाजार भरे उड़ान, बजट से है आस

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Wed, 30 Nov 2022 09:51 AM (IST)

    सराफा कारोबार को और ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए सरकार की ओर से समय-समय पर पहल की जाती रही है। बावजूद इसके यह बाजार दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। ऐसे में फरवरी में पेश होने वाले बजट से इस बार सराफा कारोबारियों को ढेरों आस हैं।

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    फरवरी में पेश होने वाले बजट से इस बार सराफा कारोबारियों को ढेरों आस हैं।

    यह है नंबर गेम

    03 हजार छोटी-बड़ी सराफा की दुकानें जनपद में

    80 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है प्रतिदिन

    02 हालमार्किंग केंद्र हैं जनपद में

    10 से अधिक फाइन गोल्ड के कारोबारी हैं जिले में

    05 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है नए आभूषण के निर्माण पर

    18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है पुराने आभूषण से नए आभूषण के निर्माण पर

    250 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है प्रतिमाह 

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सराफा कारोबार को और ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए सरकार की ओर से समय-समय पर पहल की जाती रही है। बावजूद इसके यह बाजार दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। ऐसे में फरवरी में पेश होने वाले बजट से इस बार सराफा कारोबारियों को ढेरों आस हैं। उनका कहना है कि पहले बजट में उनके लिए तमाम घोषणाएं की जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक धरातल से उनका कोई लेना देना नहीं है।

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    तीन हजार से ज्यादा दुकानें हैं जनपद में सराफा की

    प्रयागराज जनपद में सराफा की करीब तीन हजार दुकानें संचालित होती है। आसपास के जिलों समेत अन्य प्रदेश से भी छोटे कारोबारी प्रयागराज से सोने का कारोबार करते हैं। लेकिन उपेक्षाओं के कारण सराफा कारोबारियों की स्थिति अब भी दयनिय बनी हुई है। कोरोना काल में सराफा बाजार पर सबसे अधिक मार पड़ी। न जाने कितने लोगों ने घरों में पड़ा सोना भी बाजार बेच दिया, इसकी वजह से व्यापारियों का काफी पैसा बाजार में लग गया। अब बजट से ही इस कारोबार को बूस्टर डोज की आस है।

    केंद्र सरकार से अपेक्षाएं

    - कच्चे माल के आयात पर सराफा कारोबारियों कस्टम ड्यूटी पर राहत मिलनी चाहिए। इससे कारोबारियों को राहत मिलने के साथ ही बाजार को नया आयाम मिलेगा।

    - जीएसटी के तीन प्रतिशत को हटाया जाना चाहिए। वहीं स्पाट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना होनी चाहिए। इसके लिए नया कानून बनना चाहिए।

    - अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर गोल्ड आयात करने से कुछ इंसेंटिव मिलना चाहिए। इससे सराफा कारोबारियों करने में आसानी होगी।

    - देश में गोल्ड माइनिंग को शुरू कराने से सराफा कारोबार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए और देश में गोल्ड माइनिंग के लिए पहल होनी चाहिए।

    राज्य सरकार से अपेक्षाएं

    - जनपद में हाल मार्किंग केंद्रों की संख्या को बढ़ाना चाहिए। क्योंकि तीन हजार से अधिक दुकानों पर महज दो हाल मार्किंग केंद्र है। इसकी वजह से इन दोनों केंद्रों पर बढ़ा दबाव रहता है।

    - जेम्स एंड ज्वैलरी के बाजार को नया आयाम देने के लिए सरकार को इसके प्रमोशन की जरूरत है। जेम्स एंड ज्वैलरी डिजाईन की पढ़ाई के लिए नए केंद्रों की स्थापना होनी चाहिए।

    - सराफा कारोबार के लिए विस्तृत पालिसी बननी चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं का विकास हो सके। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

    - हालमार्किंग की व्यवस्था को और दुरूस्त करने की जरूरत है। अभी कोई नियामक नहीं होने के कारण कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें कम कैरेट के गोल्ड को हाल मार्किंग में अधिक कैरेट का दर्शाया गया है।

    बोले कारोबारी

    पिछले बजट में कई नियम सराफा कारोबारियों के लिए लाए गए, लेकिन अभी तक उनको लागू नहीं कराया जा सका है। ऐसे में सराफा कारोबारियों की कई ऐसी समस्याएं हैं, जिनपर बजट में स्थान मिलना चाहिए।

    दिनेश सिंह, अध्यक्ष, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन।

    टैक्स की व्यवस्था का और सरलीकरण किया जाना चाहिए। ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके। जीएसटी के सरलीकरण से व्यापारी वर्ग अधिक से अधिक संख्या में रजिस्ट्रेशन ले कर कारोबार करेंगे।

    रिषभ रस्तोगी, कारोबारी

    जेम्स एंड ज्वैलरी के मार्केट के विस्तार के लिए प्रदेश में इसके पढ़ाई की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की जरूरत है। इसकी स्थापना से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

    अमन यादव, कारोबारी

    पुराने आभूषण से नए आभूषण के निर्माण पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है, जबकि नए आभूषणों के निर्माण पर यह पांच प्रतिशत ही लगता है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि उद्यमियों को राहत मिल सके।

    संजय गुप्ता, कारोबारी